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रा० ० दानवीर सेठ कल्याणमलजी की पूज्य मातेश्वरीश्रीमती फूलीबाईका संक्षिप्त
जीवनचरित्र |
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यां तो न जाने कितने प्राणी इस अपार संमारमें जीने Weeeeeeeeeeee-acr
और मरते हैं परन्तु जिनका जीवन आदर्श जीवन है, जिनके जीवनसे संसारको कुछ लाभ पहुंचता है उन्हींका जीवन यथार्थ जीवन गिना जाता है और उन्हींसे यह संमार सुशोभित होता है।
प्रिय पाठकगण ! आप लोग जिनकी दिव्य मूर्ति इस पुस्तकमें देख रहे हैं उनका जीवन ऐसे ही जीवनमें गिनने योग्य है। आज हम आप लोगों को उन्हींका परिचय देना चाहते हैं ।
भारतवर्षकी प्रधान ऐतिहासिक और प्राचीन नगरी उज्जयनी नगरी है । यही नगरी आपका जन्म स्थान है । आपके पूज्य पिताका नाम मेठ सांवतराम था, आप बड़े ही व्यापार चतुर मनुष्य थे "आपके दो संतान थीं- पहिली संतान सेठ सेवारामजी और दूसरी संतान हमारी चरित्र नायिका श्रीमती फूलीबाई ।
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