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________________ SHER श्रीगणचंद निलीणाए धावीए परियरिओ, अन्नाहि य पवररमणीहि धरियधवलायवत्तो चलंतससिकंतचामरावयवो दिद्धिपह- जमालेमहावीरच० पइट्टावियमणिमयअट्ठमंगलओ करितुरयरहवरारूढसयणवग्गेण अणुगमिजंतो वजंताउजसमुच्छलंतरवभरियनह-2 दीक्षा ८ प्रस्तावः । विवरो पासायतलट्ठियपउरलोयनिवहेण संथुणिजंतो झडत्ति जमालिकुमारो तयणु पयहो जिणाभिमुहं। ॥२६॥ | अह जमालिस्स भारिया पियदसणा तहाविहवइयरसुवलब्भ जायभववेरग्गा पवजं पडिवजिउकामा तहेव ।। पट्ठिया, कमेण य पत्ताई ताई जिणंतियं, तओ पंचरायसुयसयपरिवारो जमालिकुमारी पडिनो जिणिंददेसियं । समणधम्म, पियदंसणावि नरिंदंदुहिया सहस्सेण परिबुडा पवढमाणसंवेगा समणी जायति ।। IFI अह जमाली सामाइयमाझ्याई एक्कारस अंगाई ससुत्ताई सभत्थाई अहिजइ, बहुहिं चउत्थलगपहेहि अण-18 वरयं विचित्तेहिं तवोकम्मेहि अप्पाणं भावितो भगवया सद्धिं पुरागराइसु विहरइ, पियदसणादि चंदणाए पवत्तिणीए समं परियडइ। है। अह अन्नया कयाई जमाली भयवंत महावीरजिणवरं वंदित्ता विन्नविउमारद्धो-भयवं! बंछामि अहं तुम्णेहिं । अब्भणुन्नाओ समाणो अनिययविहारहिं पंचहिं समणसएहिं सद्धिं विहरिउंति, सामीवि विमलकेवलालोयावलो-18/ इयसयलजियलोयभूयभाविवट्टमाणकालकलावलंविसुहासुहपरिणामविसेसो भाविरमणत्थं मुणिऊण जमालिस्स पुणोली पुणो भणमाणस्सवि मोणमवलंबिऊण जाविउं पवत्तो, जमालीऽवि अप्पडिसिद्धमणुमयंति कलिऊण पंचहिं समण-10 0 9
SR No.010405
Book TitleMahavira Charitam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGunchandrasuri
PublisherDevchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
Publication Year1929
Total Pages708
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size277 MB
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