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________________ - मध्यमा ८प्रस्ताव PROGRESS श्रीगुणचंद अथाष्टमः प्रस्तावः एवं केवललाभो भणिओ भुवणिक्षमाणुणो एत्तो । एकारसवि गणहरा जह से जाया तहा सुणसु ॥ १॥ पापायां स समवसरणं, अह निम्महियनीसेसमोहमहिमो सो महावीरजिणवरो तहाविहोवयारविरहियं परिसं नाऊण परोवयारकर-14] ॥ २५१॥णिकतल्लिच्छो छिन्नपेम्मबंधणोऽवि धम्मदेसणाईहिं तित्थयरनामगोयं कम्मं बेइजइत्ति परिभावितो असंखेजाहिं । देवकोडीहिं परिवुडो सुरविरइएसु नवसु कणयकमलेसु नवणीयसुहफरिसेसु चलणजुयलं निवेसमाणो दिसामुहवि-18 सारिणा देवजणुजोएण पडिहयंधयारे निसासमएवि दिवसेव समुवलक्खिजमाणपयडपयत्थसत्यो तित्थनाहो दुवालसजोयणंतरियाए मज्झिमानयरीए गंतुं पवत्तो, तो जाव सामी न पावइ मज्झिमापुरी ताव तीसे अदूरदेसे में संठियंमि महासेणवणमि उजाणे देवेहि समोसरणविरयणा काउमारद्वा, कहं चिय?-- आजोयणपरिमंडलभूभाग विगयकयवरुग्घायं । हरियंदणसुरहिरसच्छड्डाहिं पडिहणियरयनियरं ॥ १॥ है पंचविहरयणनिविवरविरइयातुच्छपीढियाबंधं । हरिसुलसंतरोमंचकंचुया निम्मविति सुरा ॥ २॥ वेमाणियदेवेहिवि विरइजइ पंचरायरयणमओ। सालो विसालगोउरकविसीसयसुंदरो झत्ति ॥३॥ ॥ २५१॥ 18 तत्तो बाहिं पसरंतकिरणपन्भारभरियनहविवरो । जोइसिएहिं ठविजइ सुवण्णपागारपरिवेढो ॥ ४॥ ri तयणंतरं च दगरयधवलपहाहसियसारयमयंको । भुवणवईहिं कीरइ निम्मलकलहोयपागारो ॥५॥
SR No.010405
Book TitleMahavira Charitam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGunchandrasuri
PublisherDevchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
Publication Year1929
Total Pages708
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size277 MB
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