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________________ श्रीगुणचंद, महावीरच० ४ प्रस्तावः ॥ ११६ ॥ एवं चिय चलियासणपउत्तदिवोहि मुणियपरमत्था | उड्डदिसावासाओ देवीओ इमा तओ इति ॥ १ ॥ मेरा मेहवई, सुमेहा मेहमालिणी । सुवच्छा वच्छमित्ता य, वारिसेणा बलाहगा ॥ २ ॥ तो हियरयं वेविण मेहेण महियलं काउं । गंधधलुद्धफुलंघयाउलं पुप्फवरिसं च ॥ ३ ॥ जिणवरगुणगणमइकोमलेण सुइसोक्खकरणदक्खेण । अइदूरंमि ठियाओ गायंति सरेण मद्दुरेण ॥ ४ ॥ अह पोरत्थिमरुयगईिओ अवि दिसाकुमारीओ | बहुपरियणपरियरियाओं एयाओ आगया झन्ति ॥ ५ ॥ नंदुत्तरा य नंदा, आणंदा नंदिवणा । विजया य वेजयंती, जयंती अपराजिया ॥ ६ ॥ रविमंडलसारिच्छं हत्थे धरिऊण दप्पणं ताहे । पुवदिसिंमि ठियाओ किचिंति गुणे जिजवरस्स ॥ ७ ॥ अह दाहिणरुगनिवासिणीओ अट्ठविदिसाकुमारीओ | नायजिणजम्मणाओ इंति विमाहिं एयाओं ॥ ८ ॥ समाहारा पन्ना य, सुष्पबुद्धा जसोहरा । उच्छिमई सेसवई, चित्तगुत्ता वसुंधरा ॥ ९ ॥ करपल्लवेण कलि (गहि) उं भिगारं सुरहिवारिपरिपुन्नं । दक्खिणपासे पहुणो गुणथवणपरा परिवर्तति ॥ १० ॥ अह पच्छिमरुयगगया अट्ठेव पुणो दिसाकुमारीओ । भत्तिभरनिव्भराओ इमाओ पविसंति जिनगेहे ॥ ११ ॥ इलादेवी सुरादेवी, पुहवी पउमावई । एगनासा नवमिया, भद्दा सीया य अट्ठमी ॥ १२ ॥ करकलियतालियंटा विसहृकंदोहदीहरच्छीओ । पच्छिमदिसिम्मि ठाउँ थुणंति जिणनाहगुणनिवहं ॥ १३ ॥ दिशाकु मारीकृतो महोत्सवः ॥ ११६ ॥
SR No.010405
Book TitleMahavira Charitam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGunchandrasuri
PublisherDevchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
Publication Year1929
Total Pages708
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size277 MB
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