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________________ १४० भगवान महावीर । www MA प्रभा थी, उसका विवाह राजा चेटकने दर्शाण (दशासन) देशमें हेर• कच्छपुर (कमैठपुर ) के खामी सूर्यवंशीय राजा दशरथसे किया था । एवं चतुर्थ कन्या, प्रभावतीका विवाह कच्छदेशके रोरुकपुरके खामी महातुरके साथ हो गया था । उत्तरपुराणमें कच्छदेशके स्वामी उद्दायन लिखे हैं और श्रेणिकचरित्र में महातुर वहांके राजा बतलाए गए हैं। इवर डॉ० डी० आर० भाण्डारकर दो मुख्य ग्रंथ - स्वप्नवासवदत्त और प्रतिज्ञा यौगन्धरायणले प्रगट करते हैं कि "शतनीकके पुत्र और सहश्रेणिकके पौत्र उद्दायन भारतवंशमें हुए प्रतीत होते हैं । और वह 'विदेहपुत्र' अपनी माताके कारण कहलाते थे, जो कि विदेहके राजाकी पुत्री थीं ।" और हमें ज्ञात है कि शतनीक कौशाम्बीके नृपति थे, परन्तु श्रेणिकचरित्र और उत्तरपुरांणमें वहांके राजाका नाम क्रमसे नाथ और सार लिखा है। इसलिए यह - सम्भव हो सक्ता है कि कौशाम्बीके नृपतिका तीसरा नाम अथवा यथार्थ नाम शतनीकथा। जिनके कि पुत्र उद्दायन विदेहपुत्र कहलाते थे । और यदि डा० भाण्डारकर के सह- श्रेणिक एवं श्रेणिकचरित्रके उपश्रेणिक एक व्यक्ति हैं, तो उद्दायन सम्राट् श्रेणिकके पिता उपश्रेणिकके पौत्र हो सके है, क्योंकि नृप श्रेणिककी रानी चेलना इनकी माताकी बहिन थी । इस तरह श्रेणिकचरित्रमे रोल्कपुरके स्वामी महातुर लिखना ठीक प्रतीत होता है। और उद्दायन कौशाम्बीके राजकुमार थे ऐसा ज्ञात होता है । अब कौशाम्बी और कच्छदेशंका सम्बन्ध प्रगट करना अवशेष रहजाता है। हमारे विचारसे इसमें किसी प्रकारका भ्रम होना संभव है 'है, क्योकि राजा चेटककी राजधानी विशाला (वैशाली) को श्रेणिक
SR No.010403
Book TitleMahavira Bhagavana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamtaprasad Jain
PublisherDigambar Jain Pustakalay
Publication Year
Total Pages309
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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