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________________ ( ४१ ) सतीश (बान शीला के कान के पास मुँह करके ) कितने अच्छेअच्छे खिलौने हैं इसके पास ! शीला अच्छे तो हैं, पर ये टूट बहुत जल्दी जाते हैं ; बाबू ' जी ने उस दिन कहा था। याद है ? सतीश याद है । कहा था-किताबों की अच्छी-अच्छी तसवीरें देखा करो हर रोज। शीला यह भी तो कहा था कि तसवीर देखनेवाले लड़के राजा होते हैं। सतीश हाँ, कहा था । मुझे तो वे राजा भैया पुकारते भी है। [इसी समय हरी गस खड़े लड़के को बूढ़े पर ढकेल देता है और स्वयं फुर्ती से पीछे हट जाता है। गिरनेवाले लड़के को बूदा झकझोर देता है । शीला और सतीश बात करना बंद करके खिलौनेवाले की तरफ देखते हैं। ] हरी ( बनावटी क्रोध करके ) किसने धक्का दिया था इस बच्चे
SR No.010395
Book TitleKarmpath
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPremnarayan Tandan
PublisherVidyamandir Ranikatra Lakhnou
Publication Year1950
Total Pages129
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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