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________________ ३७६ जीवामिगमा जोणिया दुविहा पन्लत्ता एवं जहेव पुढवीकाइयाणं तहेव आउकाय भेदो एवं जाव वणलइकाइया से त्तं वणस्सइकाइय एगिदिय तिरिक्खजोणिया । से किं तं वेइंदिय तिरिक्खजोणिया? बेइंदिय तिरिक्खजोणिया दुबिहा पन्नता तं जहा-पज्जत्तवेइंदिय तिरिकखजोणिया अपज्जत्तवेइंदिय लिरिक्खजोणिया, से तं वेई. तिरिक्ख जोणिया । एवं जाब चउरिदिया। से किं तं पंचिंदिय तिरिक्खजाणिया ? पचिंदिय तिरिक्खजोणिया तिविहा पन्नत्ता, सं जहा-जलयरपंचिदियतिरिक्खजोणिया थलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया खयरपंजिदियतिरिक्खजोणिया। से कि तं जलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया ? जलयरपंचिदियतिरिक्खजोणिया दुविहा पन्नत्ता तं जहा-समुच्छिमजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया गब्भवकंतियजलयरपंचिंदियतिरिक्खजो. णिया य। से किं तं समुच्छिमजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया ? संमुच्छिमजलयरपंचिदिय तिरिक्खजोणिया दुविहा पन्नत्ता तं जहा-पजत्तग लमुच्छिमजलयरपींचदिय तिरिक्ख. जोणिया अपज्जत्तग संमुच्छिमजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया र । से तं संमुच्छिमजलयरपंचिंदिय तिरिक्खजोणिया। से किं तं गन्भवतिय जलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया ? गठभवतिय जलयरपंचिंदिय तिरिक्खजोणिया दुविहा पन्नत्ता ते जहा-पजत्तगगब्भवतिय जलयरपंचिंदिय तिरिक्खजोणियाँ अपजत्तगगब्भवतिय जलयरपंचिदियतिरिक्खजोणिया। से तं गमवकंतिय पंचिंदिय तिरिक्खजोणिया से कि तं थलयर पंचिंदियतिरिक्खजोणिया ? थलयर पंचिंदियतिरिक्खजोणियां दुविहा पन्नत्ता तं जहा-घउप्पयथलयर
SR No.010389
Book TitleAgam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 02 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1973
Total Pages929
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_jivajivabhigam
File Size61 MB
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