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________________ २४ पन्द्रहवे ज्ञानद्वार का निरूपण २५ सोलहवे योगद्वार का कथन २६ सत्रहवे उपयोगद्वार का निरूपण ..२७ अठाहरवे आहारद्वार का निरूपण २८ उन्नीसवे उत्पातद्वार का निरूपण २९ बीसवे स्थितिद्वार का निरूपण ३० एकवीसवे समुद्घातद्वार का निरूपण ३१ वावीसवे च्यवनद्वार का निरूपण ३२ तेवीसवे गत्यागतिद्वार का निरूपण ३३ वादर पृथ्वीकाय जीवो के भेदो का निरूपण ३४ वादर पृथ्वीकायिको के अवगाह आदि द्वारों का निरूपण ३५ अप्कादिक जीवो के गरीरादिद्वारो का निरूपण ३६ प्रत्येक वनस्पतिकाय जीवो के शरीरादिद्वारो का निरूपण - ३७ साधारण वनस्पतिकाय जीवो के का निरूपण ३८ त्रसकाय आदि जीवो के शरीरादिद्वारो का निरूपण ३९ औदारिक त्रस जीवो का निरूपण ४० त्रीन्द्रिय एवं चतुरिन्द्रिय जीवों का निरूपण ४१ पञ्चेन्द्रिय जीवो का निरूपण ४२ सम्मूर्छिम जलचरादि तिर्यक् पञ्चेन्द्रिय जीवो का निरूपण ४३ सम्मूर्छिम स्थलचर पञ्चेन्द्रिय जीवो का निरूपण ४४ स्थलचर चतुष्पदादि पञ्चेन्द्रिय तिर्यग्योनिकों का निरूपण ४५ गर्भव्युत्क्रान्तिक पञ्चेन्द्रिय तिर्यग्योनिक जीवों का निरूपण ४६ गर्भव्युत्क्रान्तिक स्थलचर जीवो का निरूपण ४७ गर्भव्युत्क्रान्तिक खेचर जीवोका निरूपण ४८ गर्भव्युत्क्रान्तिक मनुष्यो का निरूपण ४९ देवो का निरूपण ५० स्थावरभाव और त्रसभाव की भवस्थिति एवं कालमान का निरूपण ९२-९३ - ९४ ९४-९६ ९६-११७ ११७-१२१ १२१-१२२ १२२ १२३-१२५ १२५-१२६ १२७-१३१ १३२-१३८ १३९-१४७ १४७-१६२ १६२-१६९ १६९-१८६ १८७-१९७ १९८-२०४ २०४-२२५ २२५-२३९ २४९-२४९ २४९-२७४ २७४-२९१ २९१-३०२ ३०२-३०७ '३०७-३२२ ३२२-३४७ ३४७-३५८
SR No.010388
Book TitleAgam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1971
Total Pages693
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_jivajivabhigam
File Size44 MB
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