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________________ प्रमेयधोतिका टीका प्रति. २ देवस्त्रीणां भवस्थितिमाननिरूपणम् ३९९ अद्धपलिओवमं' उत्कर्षेणार्द्धपल्योपमम् , भौमादि ग्रह ज्योतिष्क देवीनां जघन्या स्थितिः पल्योपमस्य चतुर्थभागप्रमाणा भवति तथोत्कृष्टा स्थितिरर्द्धपल्योपमप्रमाणा भवतीति भावः । 'णक्खत्तविमाणजोइसियदेवित्थीणं' नक्षत्रविमानज्योतिष्कदेवस्त्रीणाम् 'जहन्नेणं चउभागपलिओवमं' जधन्येन चतुर्भागपल्योपमम् पल्योपमस्य चतुर्थभागप्रमिता स्थितिरित्यर्थः । 'उक्कोसेणं चउभागपलिओवमं साइरेंग' उत्कर्षेण चतुर्भागपल्योपमं सातिरेकम् सातिरेकपल्योपमचतुर्थभागप्रमिता स्थितिरित्यर्थः । 'ताराविमाणजोइसियदेवित्थीए' ताराविमानज्यो. तिष्कदेवस्त्रियाः 'जहन्नेणं अट्ठभागपलिओवमं' अष्टभागपल्योपमं पल्योपमस्याष्टमभाग प्रमिता स्थितिरित्यर्थः 'उक्कोसेणं साइरेगअहभागपलिओवमं' उत्कर्षेण सातिरेकाष्टभाग पल्योपमम् , सातिरेकपल्योपमाष्टमभाग प्रमाणोत्कृष्टा स्थितिस्ताराविमानदेवीनामिति । णं अद्धपलिओवम" ग्रहविमानज्योतिष्क देवस्त्रियों की स्थिति जघन्य से पल्योपम के चतुर्थ भाग प्रमाण है और उत्कृष्ट से आधे पल्योपम की है मंगलआदि ग्रह ज्योतिष्क देवस्त्रियों की स्थिति जघन्य से पल्योपम के चतुर्थ भाग प्रमाण है और उत्कृष्ट से आधे पल्योपम प्रमाण है। "णक्खत्तविमाणजोइसियदेवित्थीणं " नक्षत्र विमान ज्योतिष्क देवस्त्रियों की स्थिति “जहन्नेणं चउभागपलिओवम उक्कोसेणं चउभागपलिओवमं साइरेग" जघन्य से एक पल्य के चतुर्थ भाग प्रमाण है और उत्कृष्ट से कुछ अधिक पल्योपमके चतुर्थभाग प्रमाण है, "ताराविमाणजोइसियदेवित्थीए जहन्नेणं अट्ठभागपलिओवमं, उक्कोसेणं साइरेगं अट्ठभागपलिओवम" ताराविमानज्योतिष्क देवस्त्रियों की स्थिति जघन्य से पल्योपम के आठवें भाग प्रमाण है और उत्कृष्टसे कुछ अधिक पल्योपमके आठवे भाग प्रमाण है। इस प्रकार सामान्य और विशेष रूपसे ज्योतिष्क देवियोंकी स्थिति प्रकट कर अब सूत्रकार सामान्य रूपसे पहले जहन्नेणं चउभागपलिओवमं, उक्कोसेणं अद्धपलिओवम" अविभान् ज्योति हेक्नी જિયની સ્થિતિ જઘન્યથી પલ્યોપમના ચોથા ભાગ પ્રમાણુની છે. અને ઉત્કૃષ્ટથી અધપત્યોપમની છે. તિષ્ક દેવમાં મંગળ વિગેરે ગ્રહોની સ્ત્રિયોની સ્થિતિ જઘન્યથી પલ્યોપમના यायामा अमानी छ, मन थी अापल्या५म प्रभानी छ "णखत्तविमाण जोइसियदेवत्थीणं"नक्षत्र विमान याति हेक्नी लियोनी स्थिति “जहणणेणं चउभागपलिओवम उक्कोसेणं चउभागपलिओवमं साइरेग" धन्य से पस्यना याथामा प्रमा छ. मन अष्टथी पधारे पत्यापभना याथामा प्रभानी छे. "ताराविमाणजोइसियदे वित्थीए जहण्णेणं अट्ठभागपलिओवम उक्कोसेणसाइरेग अट्ठभागपलिओवर्म" तारा विमान તિષ્ક દેવની સિયોની સ્થિતિ જઘન્યથી પલ્યોપમના આઠમાભાગ પ્રમાણુની છે. અને ઉત્કૃટથી કંઈક વધારે પલ્યોપમના આઠમા ભાગ પ્રમાણુની છે,
SR No.010388
Book TitleAgam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1971
Total Pages693
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_jivajivabhigam
File Size44 MB
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