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________________ निश्चय और व्यवहार ] [ ५१ इसी बात को यदि और अधिक स्पष्ट करें तो कथन इसप्रकार होगा। निश्चय से मींगी को बादाम कहते हैं और व्यवहारनय से पेड़ या छिलके को भी बादाम कहा जाता है, क्योंकि पेड़ या छिलका मींगी के सहचारी हैं। यदि उनका मोंगी से किसी भी प्रकार का संबंध न हो तो फिर वे व्यवहार से भी बादाम नहीं कहे जा सकते थे । क्या कोई आम के पेड़ और छिलकों को भी बादाम कहते देखा जाता है ? इसीप्रकार निश्चयनय के विषयभूत शुद्धात्मा को निश्चयजीव और व्यवहारनय के विषयभूत शरीरादि के संयोग में रहने वाले जीव-मनुष्यादि को व्यवहारजीव कहा जाता है। यदि आत्मा का शरीरादि से संयोगादि संबंध भी न हो तो उन्हें कोई व्यवहार से भी जीव नहीं कहेगा। क्या कोई मिट्टी की मूत्ति को भी जीव कहते देखा जाता है ? "भूतं प्रथं प्रद्योतयति इति भूतार्थः, प्रभूतं प्रथं प्रद्योतयति इति प्रभूतायः" भूत अर्थात् प्रयोजभूत अर्थ को बतावे, वह भूतार्थ और अभूत अर्थात् अप्रयोजनभूत अर्थ को बतावे, वह अभूतार्थ । भूतार्थ का अर्थ प्रयोजनभूत किसी भी प्रकार अनुचित नहीं है, क्योंकि अर्थ शब्द का अर्थ प्रयोजन भी होता है । भूत+अर्थ इनके स्थानपरिवर्तन से अर्थ+भूत अर्थभूत हुआ । अर्थ माने प्रयोजन होता है, अतः अर्थभूत माने प्रयोजनभूत सहज हो जाता है। जिसप्रकार भूत और प्रभूत की उक्त व्युत्पत्ति के अनुसार यहाँ बादाम की मींगी हमारे लिए प्रयोजनभूत पदार्थ है, क्योंकि वह हमारे खाने के काम आती है; पर छिलका और पेड़ अप्रयोजनभूत अर्थात् साक्षात् प्रयोजनभूत नहीं हैं, क्योंकि वे हमारे खाने के काम में नहीं पाते; किन्तु सर्वथा अप्रयोजनभूत भी नहीं हैं, क्योंकि बादाम की मींगी की प्राप्ति के साधन हैं, अतः परम्परा से प्रयोजनभूत भी हैं। यही कारण है कि परम्परा की अपेक्षा उसे कथंचित् भूतार्थ भी कहा जाता है, किन्तु साक्षात् प्रयोजनभूत न होने से अध्यात्म में उसे प्रायः अप्रयोजनभूत ही कहा जाता है। उसीप्रकार यद्यपि शुद्धात्मा हमारे लिए पूर्णतः प्रयोजनभूत है और प्रशुद्धात्मा या संयोगी-प्रात्मा अप्रयोजनभूत है; तथापि संसारी जीव की पहिचान का प्रयोजन सिद्ध करने के कारण प्रशुद्धात्मा या संयोगी-मात्मा
SR No.010384
Book TitleJinavarasya Nayachakram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHukamchand Bharilla
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year1982
Total Pages191
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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