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________________ निश्चयनय . कुछ प्रश्नोत्तर ] भाव के नाम से जाना जाता है, वह बध-मोक्षरूपपर्याय से रहित है । तथा पर्यायाथिकनय के आश्रित होने से दशप्राणरूप जीवत्व, भव्यत्व और अभव्यत्व अशुद्धपारिणामिकभाव है। प्रश्न :- ये तीनो भाव अशुद्ध क्यो है ? उत्तर :- ससारी जीवो के शुद्ध नय में व सिद्ध जीवो के सर्वथा ही दशप्राणरूपजीवत्व भव्यत्व और अभव्यत्व - इन तीनो पारिणामिकभावो का अभाव होने से ये तीनो भाव अशुद्ध है। इन तीनो मे पर्यायाथिकनय भव्यत्वलक्षण पारिणामिकभाव के प्रच्छादक व यथासभव सम्यक्त्वादि जीवगुणो के घातक देशघाति और सर्वघाति नाम के मोहादि कर्मसामान्य होते है। और जब कालादिलब्धि के वश में भव्यत्वशक्ति की व्यक्ति अर्थात् प्रगटता होती है तब यह जीव महजशुद्धपारिणामिकभावलक्षणवाले निजपरमात्मद्रव्य के सम्यकश्रद्धान-ज्ञान-पाचरणरूप पर्याय मे परिणमित होता है। उमी परिगमन को आगमभापा में प्रौपशमिक, क्षायोपशमिक या क्षायिकभाव और अध्यात्मभाषा में शुद्धात्माभिमुख परिणाम, शुद्धोपयोग प्रादि नामान्तरो मे अभिहित किया जाता है। यह शुद्धोपयोगरूप पर्याय शुद्धपारिणामिक भावलक्षणवाले शुद्धात्मद्रव्य से कथञ्चित् भिन्न है, क्योकि वह भावनारूप होती है और शुद्धपारिरणामिकभाव भावनारूप नही होता । यदि उसे एकान्त में अशुद्धपारिगामिकभाव मे अभिन्न मानेगे तो भावनारूप एव मोक्षकारणभूत अशुद्धपारिणामिकभाव वा मोक्ष-अवस्था में विनाश होने पर शुद्धपारिणामिकभाव के भी विनाश का प्रमग प्राप्त होगा, परन्तु ऐमा कभी होता नही है। इसस यह सिद्ध हुआ कि शुद्धपारिगामिकभावविषयक भावना अर्थात जिस भावना या भाव का विषय शुद्धपारिरगामिकभावरूप शुद्धात्मा है, वह भावना औपमिकादि तीनो भावोरुप होती है, वही भावना ममस्त रागादिभावो से रहित शुद्ध-उपादानरूप होने से मोक्ष का कारण होती है, शुद्धपारिगामिक भाव मोक्ष का कारण नहीं होता और जो शक्तिरूप मोक्ष है, वह तो शुद्धपारिणामिकभाव मे पहले से ही विद्यमान है । यहाँ तो व्यक्तिरूप अर्थात् पर्याय रूप मोक्ष का विचार किया जा रहा है । सिद्धान्त मे भी ऐमा कहा है - "निष्क्रियः शुद्धपारिणामिकः' अर्थात् शुद्धपारिणामिकभाव निष्क्रिय है।
SR No.010384
Book TitleJinavarasya Nayachakram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHukamchand Bharilla
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year1982
Total Pages191
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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