SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 596
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [ ५२६ ] १६ सासू काठा हे गहूँ पीसावि, आपण जास्या मालवइ, सोनारि भणइ २० लटकर थारउ लोहारणी रे २१ मा पावागढ़ थी ऊतर्या मा 5 २२ वीर वखाणी राणी चेलणा जी [ समयसु दर चेलना स० ] २३ सहीया सुरताण लाडउ आवइलउ २४ मीणा मारू लाल रंगावउ पीया चूनडी २५ हमीरीया नी, अथवा माली ना गीत री २६ श्रावक लिखमी हो खरचीयइ २७ हाजर नी २८ भइ देवकी किणि भोलव्यर २६ हिव रे जगतगुरु शुद्ध समकित नीमी आपियइ ३० जोवर म्हारी आई उण दिशि चालतर हे ३१ सहव री ३२ चँवर ढुलावइ गजसिंह रउ छावौ महल में ३३ पथीड़ा री ३४ रहउ रहउ वालहा ३५ सुणि सुणि वालहा ३६ वइरागी थयउ ३७ आज नइ वधावउ सहीयां माहरइ ३८ मोरा प्रीतम ते किम कायर होइ ३६. केकेई वर लाघउ 1 ५४ ५५ ५६ ५८, १३६, १८३ ३३५, ५६. २५३, ६० ६२ ६३,१६० ६४ ६५ ६७ ६८ ६८,२५२, ७० ७२ ७३ ७४ ७५,२८३ ७६ ७७ 3 1
SR No.010382
Book TitleJinaharsh Granthavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year1962
Total Pages607
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy