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________________ [ जिन सिद्धान्त (१०) त्रिइन्द्रिय जाति, (११) चौइन्द्रिय जाति, ( १२ ) स्थावर, (१३) आताप, (१४) मूक्ष्म, (१५) अपर्याप्त, (१६) साधारण | प्रश्न -- अनन्तानुवन्धी के अभाव से कितनी प्रकृति का बन्ध रुक जाता है ? ४४ उत्तर --- पच्चीस प्रकृति का बन्ध रुक जाता है । प्रश्न -- अप्रत्याख्यान के प्रभाव से कितनी प्रकृतिका बन्व तक जाता है ? उत्तर -- दस प्रकृति का बन्ध रुक जाता है । प्रश्न - प्रत्याख्यान के अभाव से कितनी प्रकृति का बन्घ रुक जाता है ? उत्तर---चार प्रकृति का बन्ध रुक जाता है । प्रश्न - प्रमाद के अभाव से कितनी प्रकृति का बन्ध रुक जाता है ? उत्तर- छह प्रकृति का बन्ध रुक जाता है । प्रश्न – संज्वलन के अभाव से कितनी प्रकृति का बन्ध रुक जाता है ? उत्तर - श्रावन प्रकृति का बन्ध रुक जाता है । प्रश्न- लेश्या के अभाव में कितनी प्रकृति का बन्ध रुक जाता है ? उत्तर - एक प्रकृति का बन्ध रुक जाता है। इसी
SR No.010381
Book TitleJina Siddhant
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulshankar Desai
PublisherMulshankar Desai
Publication Year1956
Total Pages203
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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