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________________ जिन सिद्धान्त ] ......more प्रश्न-दसवें गुणस्थान में उदय कितनी प्रकृतियों • का होता है ? उत्तर-नौवें गुणस्थान में जो ६६ प्रकृतियों का उदय होता है, उनमें से व्युच्छित्ति, स्त्री वेद, पुरुष वेद, नपुंसक वेद, संज्वलन क्रोध, मान, माया, इन छह प्रकतियों के घटाने पर शेष ६० प्रकृतियों का उदय होता है। प्रश्न-दसवें गुणस्थान में कितनी प्रकृतियों की सत्ता रहती है ? उत्तर--उपशम श्रेणी में नौवें की तरह द्वितीयोपशम सम्यग्दृष्टि के १४२, क्षायिक सम्यकदृष्टि के १३६ और क्षपक श्रेणी वाले के नौवें गुणस्थान में जो १३८ प्रक तियों की सत्ता है, उनमें व्युच्छित्ति-तियंचगति, तिर्यचगृत्यानुपूर्वी, विकलत्रय तीन, निद्रानिद्रा, प्रचलाप्रचला, स्त्यानगृद्धि, उद्योत, भाताप, एकेन्द्रिय, साधारण, सूक्ष्म, स्थावर, अप्रत्याख्यानावरणी चार, प्रत्याख्यानावरणी, नोकपाय नो, संज्वलन क्रोध, मान, माया, नरक गति. नरकगत्यानुपूर्वी, इन छत्तिस प्रकृतियों को घटाने पर १०२ प्रकृतियों की सत्ता रहती हैं। प्रश्न-ग्यारहवें उपशान्त मोह नामक गुसस्थान का क्या स्वरूप है।
SR No.010381
Book TitleJina Siddhant
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulshankar Desai
PublisherMulshankar Desai
Publication Year1956
Total Pages203
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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