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________________ जिन सिद्धान्त १६३ प्रश्न-अनिवृत्ति करण किसे कहते हैं । उत्तर---जिस करण में भिन्न समयची जीवों के परिणाम विसदृश ही हो और एक समयवर्ती जीवों के परिणाम सदृश ही हों उसे अनिवृत्ति करण कहते हैं और यही नौवाँ गुणस्थान है। इन तीनों ही करणों के परिणाम प्रति समय अनन्तगुणी विशुद्धता लिये होते हैं । प्रश्न--सातचे गुणस्थान में बंध कितनी प्रकृतियों का होता है? उत्तर-छडे गुणस्थान में जो ६३ प्रकृतियों का चंध कहा है, उनमें से व्युच्छित्ति, स्थिर, अशुभ, असाता, अयशःकीर्ति, अरति, शोक ये छः प्रकृति घटाने पर शेष ५७ रही उसमें अहारक शरीर और अहारक अंगोपांग इन दो प्रकृतियों को मिलाने से ५६ प्रकृतियों का बंध होता है। प्रश्नमात गुणस्थान में उदय कितनी प्रकृतियों का होता है। ___उत्तर-छ? गुणस्थान में जो ८१ प्रकृतियों का उदय कहा है, उनमें से व्युच्छित्ति, अहारक शरीर, अहारक अंगोपांग, निद्रानिद्रा, प्रचलाप्रचला, स्त्यानगृद्धि इन प्रकृतियों के घटाने पर शेष रही ७६ प्रकृतियों का उदय होता है।
SR No.010381
Book TitleJina Siddhant
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulshankar Desai
PublisherMulshankar Desai
Publication Year1956
Total Pages203
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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