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________________ जिन सिद्धान्त ] उत्तर -- वचन योग चार प्रकार के हैं । १ सत्य, १६३ ~~~ २ असत्य, ३ उभय, ४ अनुभय । प्रश्न- ये योग नो तत्वों में से कौनसा तच्च है ? उत्तर ---चेतन योग आश्रव तन्त्र है, तथा काय मन वचनयोग अजीव तत्व है | प्रश्न - - वेद के कितने भेद हैं ? उत्तर -- वेद के तीन भेद हैं- १ स्त्रीवेद, २ पुरुषवेद, ३ नपुंसक वेद । ये तीनों आत्मा के विकारी भाव और चध तत्त्व हैं | प्रश्न -- कपाय मार्गणा के कितने भेद हैं ? उत्तर -- कषाय मार्गणा २५ प्रकार हैं-: अनन्तानुबंधी, अप्रत्याख्यान, प्रत्याख्यान और संज्वलन के क्रोध, मान, माया, लोभ रूप १६ कपाय तथा नौ कपाय, १ हास्य, २ रति, ३ अरति ४ शोक, ५ भय, ६ जुगुप्सा, ७ स्त्री वेद, ८ पुरुषवेद, 8 नपुंसक वेद । ये सब चारित्र गुण की विकारी पर्याय हैं । प्रश्न -- ज्ञान मार्गणा के कितने भेद हैं ? उत्तर--आठ भेद हैं-- १ मतिज्ञान, २ श्रुतज्ञान, ३ अवधिज्ञान, ४ मन:पर्ययज्ञान, ५ केवलज्ञान, ६ कुमति ज्ञान, ७ कुश्रुतज्ञान, = कुत्रवधिज्ञान इनमें से केवलज्ञान
SR No.010381
Book TitleJina Siddhant
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulshankar Desai
PublisherMulshankar Desai
Publication Year1956
Total Pages203
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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