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________________ ' जिन सिद्धान्त) १५५ उत्तर - इन्द्रियों के आकार रूप पुद्गल की रचना विशेष को बाह्य निर्वृत्ति कहते हैं। प्रश्न - आम्यन्तर निर्वृत्ति किसे कहते हैं ? उत्तर - ज्ञान करने अन्तरंग निमित्त रूप जो पोइगलिक इन्द्रियाकार रचना है उसी को आभ्यन्तर निर्वृत्ति कहते हैं । प्रश्न –— उपकरण किसे कहते हैं ? उत्तर - जो निर्वृत्ति की रक्षा करे, उसे उपकरण कहते हैं । प्रश्न - उपकरण के कितने भेद हैं ? उत्तर - दो भेद हैं--१ आभ्यन्तर, २ बाह्य । | प्रश्न – आभ्यन्तर उपकरण किसे कहते हैं ? उत्तर - नेत्रेन्द्रिय में कृष्ण शुक्ल मण्डल की तरह सब इन्द्रियों में जो निर्वृत्ति का उपकार करे उसको आभ्यन्तर उपकरण कहते हैं । प्रश्न --- बाह्य उपरण किसे कहते हैं ? उत्तर - नेत्रेन्द्रिय में पलक वगैरह की तरह जो निर्वृत्ति का उपकार करे उसको बाह्य उपकरण कहते हैं। प्रश्न- द्रव्य इन्द्रियों को इन्द्रिय संज्ञा क्यों दी ? उत्तर --- क्षयोपशम भावेन्द्रियों के होने पर ही द्रव्यइन्द्रियों की उत्पत्ति होती है, अतः भाव इन्द्रियाँ P
SR No.010381
Book TitleJina Siddhant
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulshankar Desai
PublisherMulshankar Desai
Publication Year1956
Total Pages203
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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