SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 42
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ' (१४) एक छोटा है । इहांसे कुरड़की वाडी आवे ॥ २३ ॥ इहांसे बाहुबलीजीकी ॥ जैनबद्रीकी ॥ मोडवगी आदिके तरफकी यात्रा करनेको जावे ॥ तथा धवल ॥महाधवल ॥ जयधवल ॥ विजयधवल आदि सिद्धांत शास्त्रका दर्शन ॥ तथा रत्नोंकी प्रतिमाका दर्शन करने होय तो इहांसे जावे ॥और किसीको नहीं जाना होय तो कुरडूकी बाडीसे रातके दशबजे टिकट बंबइका लेवे दूसरे रोज न्याराबजे दिनके बंबइमें उतरे ॥ २४ ॥ अब जैनबद्री मोडवन्द्री आदिकी यात्रा जानेका रस्ता लिखते है । कुरडूकी वाडीसे टिकट सोलापुरका लेवे दो घंटेमें रेल पहुंचती है ॥ रेलसे एक मील तलावके पास धर्मशाला है वहां ठहरे ॥ मंदिर तीन हैं। चैत्यालय पच्चीस हैं ॥ हुंबड श्रावकोंके छप्पन घर हैं। सेतवाल श्रावकोंके सौ घर अपर हैं।काशार श्रावकोंके छबीस घर हैं ॥ पंचम भावकोंके दश घर हैं। चतुर्थ श्रावकोंके घर हैं ॥ खंडेलवाल श्रावकोंके दो घर हैं इस सहरमें पच्चीस हजार घर अंदाज वस्ती है ।। और कि- . सीकेपास बोफ जादा होय ॥ अथवा कपडा बरतन आदि कोई बस्तु नई होय तो इस सोलापुरमें ठिकाना फलटणगलीमें सखारामजी हीराचंदजी हुंबड श्रावक है सो नेमीचंदजीके पत्र हैं सो जो बस्त रखनी होय
SR No.010370
Book TitleJain Yatra Darpan
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages61
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy