SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 20
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (१६) दश घर हैं । गोलालारे श्रावकोंके तीन घर हैं । इस ग्वालियरके बीच छोटा पर्वत रमनीक आठ मीलके गिरदावमें है इसके ऊपर किला है | इस पर्वतके श्रीतरसे कोरके बडेबडे मंदिर तथा प्रतिमा बडीबडी कायोत्सर्ग पद्मासन बनाई हैं | जैसेही पर्वतके बाहिरके बाजूमें चारों तरफ गुफा सारीसे मंदिर कोरके इनमें बडीबडी प्रतिमा कोरके बनाई है ॥ इहां जरूर जावे ॥ ग्वालियरसे मुरारकी छावनी दो मील है ॥ इहां मंदिर तथा श्रावक के घर हैं सो दर्शन करनेको जरूर जावे ॥ इहांसे. लसकर आवे ॥ २ ॥ लसकरसे सोनागिरि सिद्धक्षेत्रकी यात्रा अठारा मील है इहांका टिकट लेवे रेलसे डेढ मील सोनागिरि है ॥ इहां बडीबडी धर्मशाला है उनों में ठहरे | इस सोनागिरिके पर्वत ऊपरसे ॥ नंदकुमार ॥ अनंगकुमारको आदिले साडेपाँ च करोडमुनि मुक्त जये हैं | सोनागिरिमें मंदिर वह तर हैं ॥ चैत्यालय एक है ॥ २ ॥ इहां हमेशा सालकीसाल मेला मंगशिर शुदीइजसे लगाके मंगशिर मुदी पंचमी तक होता है ॥ इहा पूजनकी सामग्री खानेका सामान मिलता है ॥ ३ ॥ सोनागिरिसे फांसी चौवीस मील है ॥ इहां उतरनेका ठिकाना तलासकरके उतरे ॥ मंदिर दो हैं ॥ चैत्यालय दो हैं | सहस्रकूट * ,
SR No.010370
Book TitleJain Yatra Darpan
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages61
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy