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________________ (१०) बारा मील है इहां महावीर स्वामी मोक्ष भये हैं। पावापरीसे नबादा दश मील है इसका दूसरा नाम गंणावा है । इहांसे गौतमलामी मोक्ष नए हैं । इहांसे बारा मील राजग्रही है इहां पंच पहाडी ऊपरसे जंबू खामी आदि मुनि मुक्ति नए हैं जंबूखामीके चरित्रमें लिखा है ॥ इहांसे कुंडलपुरी भाउ मील है महावीर खामीकी जन्मनगरी है ॥ इहांसे बिहार छ मील है ॥ इहांसे बक्त्यावरपुर आवे ॥ २६ ॥ बत्त्यावरपुरसे टिकट नागलपुरका लेवे. बीचमें मुकायेके इष्टेसन अपर इस रेलसे उतरके नागलपुर जानेवाली रेलमें बैठे ॥ रेलसे दो मील नाथनगर है वहांसे नजीक वासयूज स्वामीके दो मंदिर हैं ॥ वहां धर्मशालामें ठहरे ॥ इस चंपापुरीमें वासपूजखामीके पंचकल्याणक हुये हैं। इस नाथनगरमें अगरवाले श्रावकोंके पाँच घर हैं। इहांसे एक मील चंपानाला है वहां खेतांबरके दो मंदिर हैं इनमें एक मंदिरके ऊपरकी बाजूमें दिगंबर एक मंदिर है ॥ रेलके पास सूजागंजमें बजारके नजीक दिगंबर मंदिर एक है । अगरवाले मारवाडी श्रावकोंके बीस घर हैं खंडेलवाल श्रावकोंके दो घर हैं ॥ १७॥ नागलपुरसे रातके आ7 बजे टिकट गिरेटीका लेवे ॥ बीचमें दो ठिकाने रेल
SR No.010370
Book TitleJain Yatra Darpan
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages61
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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