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________________ जैनतिथिदर्पण वीरसंवत् २४३९। ई. १९१२-१३ - - कार्तिकशुकधारनि २४३९। मार्गशीर्षकृष्ण वीर मं २४३९ । ति | वार ता. विशेष विवरण | | वार ता| विशेष विवरण गय ५० नवेंवर ज्ञानयुप्पदत १ सोम २५/ रोहिणीद्रत । सोम १० . मगल ६. मगल ३ बुध 00 ४ । गुरु १५ गर्भ-नमिनाथका 1.नि दिसंबर १९१00 रवि अष्टाहिंकाप्रारम ९ । माम 15 मोम 10 मगल 3/ तर-महावीरम्बामा 110मगठ१९ युघ १३ जान-अरनायका शुक्र जन्मनप-पत्रमका १४ नि १५'रवि जन्म-समयनायका दिनका चौघहिया। वग्राम | रात्रिका चौरड़िया। चद्रग्रहण रचमबु गुशुःश | फाल्गुणशुला १५ चमवु गु शुश चाका शनिवारका ३० से चकाउरोला शु ७ बने तफय रोला शुचकाउ लाच कारणे प्रामचका उपरोला शु यारोला/च,का/उ) चंद्रग्रहण लाशुच का उम कायापलाच भादपदशमः१५ काउयारोला शु ला सामवारको ३॥से उरोला शु| 'च का ७ बजे तक श
SR No.010369
Book TitleJain Tithi Darpan
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages115
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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