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________________ 72-121 • प्रेम और विवाह • प्रेम विवाह • अनमेल विवाह • सेक्स की समस्या • विवाह-विच्छेद • वेश्या का स्वरूप • वैधव्य की समस्या • स्त्री और राजनीति • मातृत्व अध्याय-3 जैनेन्द्र के कथा साहित्य में सांस्कृतिक, धार्मिक एवं आर्थिक चेतना • जैनेन्द्र के कथा साहित्य में सांस्कृतिक चेतना • संस्कृति : शब्द और आशय • संस्कृति की परिभाषा • संस्कृति का स्वरूप • संस्कृति का क्षेत्र और अभिव्यक्ति के उपादान • संस्कृति और सभ्यता • कथा साहित्य और संस्कृति • जैनेन्द्र के कथा साहित्य में सांस्कृतिक चेतना का स्वरूप • सांस्कृतिक तत्वों का समावेश • ग्रामीण संस्कृति • नागर संस्कृति • विभिन्न विचारदर्शन • मानवतावादी विचार दर्शन-गांधीवादी विचार दर्शन
SR No.010364
Book TitleJainendra ke Katha Sahitya me Yuga Chetna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAjay Pratap Sinh
PublisherIlahabad University
Publication Year2002
Total Pages253
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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