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________________ टकराहट चार्ल्स-मैं अभी मुमकिन है भ्रमण पर और आगे निकल जाऊँ। अभी पूर्व की विचित्रताएँ काफ़ी देखना बाकी हैं । ____ कैलाश-(गम्भीर वाणी में) क्या आप याद दिलाना चाहते हैं कि वह आपकी तो माँ नहीं हैं, और इनकी हैं। लेकिन यह तो आपके लिहाज़ से कोई बड़ा अन्तर नहीं होना चाहिए। चार्ल्स—आपका आशय... कैलाश-लीला अभी स्वस्थ नहीं है। मां के स्वास्थ्य-लाभ में क्या वह विशेष सहायता पहुँचा सकेगी? ऐसे समय आप कहने आये हैं कि वहाँ माँ ज्यादा बीमार हैं। यह ठीक है। लेकिन इस सूचना से उसे कष्ट पहुँचाने के साथ क्या आप यह आश्वासन भी नहीं दे सकते कि उसे चिन्ता करने की आवश्यकता नहीं है। मैं समझता हूँ आप लीला की अस्वस्थावस्था में उसे दण्ड नहीं देना चाहते । मेरी सलाह होगी कि आप हवाई जहाज़ से वापिस लौट जावें और वहाँ से खबर दें कि माँ ठीक हो रही हैं। ___चार्ल्स-प्रापकी ध्वनि से मालूम होता है कि आप भूलते हैं कि मैं आश्रम-वासी नहीं हूँ। __ कैलाश-मुझे क्षमा करें । लेकिन में अनुमान करता हूँ कि इस लड़की के स्वास्थ्य को प्रापको चिन्ता होनी चाहिए। उसका चित्त स्वस्थ नहीं है । अच्छा हो कि वह आपके साथ चली जावे। लेकिन माँ की चिन्ताकुलता के कारण जाना स्वास्थ्य के लिए ठीक न होगा। तब क्या यह उपाय नहीं है कि आप हवाई जहाज़ से वापिस चले जावें ताकि उन्हें दिलासा हो । क्या आप इन्हें इतना प्रेम नहीं करते ? चार्ल्स–लेकिन मैं इन्हें यहाँ इस पागलों की बस्ती में नहीं छोड़ सकता। कैलाश–हाँ, यह तो ठीक है। लेकिन जाना हो तो मेरी सलाह है
SR No.010360
Book TitleJainendra Kahani 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurvodaya Prakashan
PublisherPurvodaya Prakashan
Publication Year1954
Total Pages217
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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