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________________ ७६ जैनधर्म का प्राण नही होता, परन्तु अपने वर्तुल मे चारित्रका प्रश्न भी हाथ पर लेता है। कमोवेश अश मे, एक या दूसरे रूप मे, प्रत्येक तत्त्वज्ञान में जीवन-शोधन की मीमासा का समावेश होता है । अलबत्ता, पूर्वीय और पश्चिमीय तत्त्वज्ञान के विकास मे हम इस बारे मे थोडा अन्तर भी देखते है । यूनानी तत्त्वचितन का प्रारम्भ मात्र विश्व के स्वरूप विपयक प्रश्नो मे से होता है। आगे जाकर ईसाइयत के साथ उसका सम्बन्ध जुडने पर उसमे जीवनशोधन का प्रश्न भी दाखिल होता है और फिर बाद मे तो पश्चिमीय तत्त्वचिन्तन की एक शाखा में जीवन-शोधन की मीमासा भी खास महत्त्व का भाग लेती है । ठेठ अर्वाचीन ममय तक भी रोमन केथोलिक सम्प्रदाय मे तत्त्वचिन्तन को जीवन-योधन के विचार के साथ सकलित हम देख सकते है। परन्तु आर्य तत्त्वज्ञान के इतिहास मे हम एक खास विशषेता देखते है और वह यह कि आर्य तत्त्वज्ञान का प्रारम्भ ही मानो जीवन-शोवन के प्रश्न मे से हुआ हो ऐसा लगता है, क्योकि आर्य तत्त्वज्ञान की वैदिक, बौद्ध एव जैन इन तीनो मुख्य शाखाओ मे एक समान रूप से तत्त्वचिन्तन के साथ जीवनशोधन का चिन्तन जुड़ा हुआ है। आर्यावर्त मे कोई भी दर्शन ऐसा नहीं है, जो केवल विश्वचिन्तन करके सन्तोष मानता हो, परन्तु इससे उल्टा हम देखते है कि प्रत्येक मुख्य तथा उसकी शाखारूप दर्शन जगत, जीव एव ईश्वर के बारे में अपने विशिष्ट विचार स्पष्ट करके अन्त मे जीवन-शोधन के प्रश्न की चर्चा करता है और जीवन-शोधन की प्रक्रिया दिखलाकर विराम लेता है । इमीलिए हम प्रत्येक आर्य-दर्शन के मूल ग्रन्थ के प्रारम्भ मे मोक्ष का उद्देश्य और अन्त मे उसी का उपसहार देखते है। इसी कारण सांख्यदर्शन मे जैसे अपने विशिष्ट योग का स्थान है और वह योगदर्शन से अभिन्न है, वैसे ही न्याय, वैशेषिक और वेदान्त दर्शन मे भी योग के मूल सिद्धान्त मान्य है। बौद्ध दर्शन मे भी उसकी विशिष्ट योगप्रक्रिया का खास स्थान है। इसी प्रकार जैन दर्शन ने भी योगप्रक्रिया के बारे में अपने पूर्ण विचार प्रकट किये हैं। जीवनशोधन के मौलिक प्रश्नों की एकता इस प्रकार हमने देखा कि जैन दर्शन मे मुख्य दो भाग है : एक तत्त्व
SR No.010350
Book TitleJain Dharm ka Pran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSukhlal Sanghavi, Dalsukh Malvania, Ratilal D Desai
PublisherSasta Sahitya Mandal Delhi
Publication Year1965
Total Pages236
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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