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________________ जैनधर्म का प्राण परस्पर प्रभाव और समन्वय ब्राह्मण और श्रमण परम्परा परस्पर एक-दूसरे के प्रभाव से बिलकुल अछूती नही है । छोटी-मोटी बातो मे एक का प्रभाव दूसरे पर न्यूनाधिक मात्रा मे पडा हुआ देखा जाता है। उदाहरणार्थ श्रमणधर्म की साम्यदृष्टिमूलक अहिंसा-भावना का ब्राह्मण परम्परा पर क्रमश. इतना प्रभाव पडा है कि जिससे यज्ञीय हिसा का समर्थन केवल पुरानी शास्त्रीय चर्चाओ का विषयमात्र रह गया है, व्यवहार मे यज्ञीय हिसा लुप्त-सी हो गई है। अहिंसा व “सर्वभूतहिते रता" सिद्धात का पूरा आग्रह रखनेवाली सांख्य, योग, औपनिषद, अवधूत, सात्वत आदि जिन परम्पराओं ने ब्राह्मण परम्परा के प्राणभूत वेदविषयक प्रामाण्य और ब्राह्मण वर्ण के पुरोहित व गुरुपद का आत्यतिक विरोध नही किया, वे परम्पराएँ क्रमश. ब्राह्मणधर्म के सर्वसग्राहक क्षेत्र में एक या दूसरे रूप मे मिल गई है। इसके विपरीत जैन, बौद्ध आदि जिन परम्पराओ ने वैदिक प्रामाण्य और ब्राह्मण वर्ण के गुरुपद के विरुद्ध आत्यतिक आग्रह रखा वे परम्पराएँ यद्यपि सदा के लिए ब्राह्मणधर्म से अलग ही रही है, फिर भी उनके शास्त्र एव निवृत्ति धर्म पर ब्राह्मण परम्परा की लोकसग्राहक वृत्ति का एक या दूसरे रूप मे प्रभाव अवश्य पड़ा है। श्रमण परम्परा के प्रर्वतक श्रमणधर्म के मूल प्रवर्तक कौन-कौन थे, वे कहाँ-कहाँ और कब हुए इसका यथार्थ और पूरा इतिहास अद्यावधि अज्ञात है, पर हम उपलब्ध साहित्य के आधार से इतना तो नि शक कह सकते है कि नाभिपुत्र ऋषभ तथा आदिविद्वान् कपिल ये साम्यधर्म के पुराने और प्रबल समर्थक थे। यही कारण है कि उनका पूरा इतिहास अधकारग्रस्त होने पर भी पौराणिक परम्परा मे से उनका नाम लुप्त नही हुआ है। ब्राह्मण पुराण-ग्रन्थो मे ऋषभ का उल्लेख उग्र तपस्वी के रूप मे है सही, पर उनकी पूरी प्रतिष्ठा तो केवल जैन परम्परा मे ही है। जबकि कपिल का ऋषिरूप से निर्देश जैन-कथा साहित्य मे है, फिर भी उनकी पूर्ण प्रतिष्ठा तो साख्य परम्परा मे तथा सांख्यमूलक पुराण ग्रथो मे ही है । ऋषभ और कपिल आदि द्वारा जिस आत्मौपम्य भावना की और तन्मूलक अहिंसा धर्म की प्रतिष्ठा जमी थी उस भावना
SR No.010350
Book TitleJain Dharm ka Pran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSukhlal Sanghavi, Dalsukh Malvania, Ratilal D Desai
PublisherSasta Sahitya Mandal Delhi
Publication Year1965
Total Pages236
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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