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________________ (O धन्य-वाद 9 जैनागमों मे स्याद्-वाद के प्रकाशन में जिन दानी महानुभावों ने सहयोग दिया है उन का मैं समाज की ओर से सादर धन्यवाद करता हूँ, और अन्य धनिकों से भी जैन सिद्वान्तों के प्रचार में यथाशक्ति यत्नपूर्वक सहयोग देकर पुण्योपार्जन कर लेने की कामना करता हूँ। दानी महानुभावों के नाम ये हैं१. श्रीमान् लाला ताराचन्द जी जैन जालन्धर छावनी ४००) 16 Kc २. श्रीमान् लाला बली राम जी मालेरकोटला ३००) ३. श्रीमान् चौधरी लक्ष्मीचन्द जी अम्बाला शहर १००) श्रीमान् लाला दिवान चन्द जी जगाधरी १००) ५. श्रीमान लाला बालमुकुन्द जी रावलपिण्डी वाले देहली १००) ६ श्रीमान लाला राम चन्द जी लुधियाना ११०) ७ श्रीमान् लाला कस्तूरी लाल मिल्खी राम जैन मलेरकोटला १०१) ८ श्रीमती भाग्यवन्ती देवी जैन जालन्धर छावनी १०१) ६ श्रीमान् लाला सोहन लाल जुगलकिशोर जैन लुधियाना १०१) १०. श्रीमान् लाला प्रसन्ना मल वृषभान जैन दनौदा ५०) ११. श्रीमान् लाला सोहन लाल जैन हकीम लुधियाना ५०) प्रार्थीमन्त्रीजैन-शास्त्रमाला कार्यालय, लुधियाना.
SR No.010345
Book TitleJainagamo me Syadvada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherJain Shastramala Karyalaya Ludhiyana
Publication Year
Total Pages289
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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