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________________ धन्यवाद इन प्रेमी सज्जनो ने उदारता पूर्वक ज्ञान प्रचार के लिये और धार्मिकता के विकास के लिये इस ग्रथ के प्रकाशन के लिये निम्न प्रकार से आर्थिक सहायता प्रदान की है, जिसके लिये धन्यवाद के साथ अपना आभार प्रकट करता हूँ। ६२५ ) श्री बोहरा ब्रदर्स, रायचूर, ३७५ ) श्री माणकचद जी पूसालालजी, रायचूर. ३७५ ) श्री जैन सघ, सिंधनूर (जिला-रायचूर ) २५० ) श्री बस्तीमलजी मूथा की धर्म पत्नी श्री पतासा बाई की ओर से, रायचूर. २५० ) श्री राजमलजी खेमराजजी भडारी, रायचूर, २५० ) , तेजमलजी उदयराजजी रूणवाल, रायचूर २५० ) , गुलाब चन्दजी, चौथमलजी बोहरा रायचूर २५० ) , जैन सघ, गजेन्द्रगढ ( जिला धारवाड़ ) २५० ) श्री रवीवराजजी चौरडिया की धर्मपत्नी श्री भंवरी बाई की ओर से, मद्रास. २५० ) श्री सलहराजजी राका की धर्मपत्नी श्री दाखाबाई की ओर से, मद्रास. २५० ) श्री जयवतमलजी चौरडिया के सुपुत्र श्री मोहन __ लालजी, मद्रास १२५ ) श्री कालुरामजी चॉदमलजी मूथा, रायचूर. १२५ ) , नेमिचद जी हीरालाल जी, रायचूर ६२॥ ) , लालचद जी वाघमार की धर्मपत्नी श्री सूरजबाई ___ की ओर से, रायचूर ६२॥) श्री सज्जनराजजी किशनलालजी, रायचूर, निवेदक सपादक.
SR No.010343
Book TitleJainagam Sukti Sudha Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanrushi Maharaj, Ratanlal Sanghvi
PublisherKalyanrushi Maharaj Ratanlal Sanghvi
Publication Year1950
Total Pages537
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size13 MB
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