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________________ जैन तीर्थयात्रादर्शक। [३३ (५५ ) डेह गाहना जंकशन । डेह गाहनासे २ लाइन जाती हैं, अगर कोई भाई जाना चाहे तो १ नागौर जाती है, सो जावे, नहीं जाना हो तो जोधपुर पाली होकर मारवाड़ जंकशन खारडा जाकर मिल मकता है, और वोचमें मेरतागेट पटना है, वहां भी उतर मकता है, नहीं तो जोधपुर उतरे | जोधपुरसे सीधी पाली होकर हैद्राबाद कगंचीको गाड़ी जाती है, परन्तु पालीमें गाड़ी बदलना चाहिये। (५६) नागौर । म्टेशनमे एक मील दि० नन नशिया, धर्मशाला और २ मंदिर हैं, यहांपर ठहरना चाहिये । नशियामे २ मीलकी दूरीपर शहरमें पाठशाला है, वहां पर भी ठहर सकता है । यहांपर एक भट्टारककी गद्दी है, वहींपर बटा भारी मंदिर है, वहां की भव्यमूनियों का दर्शन करें। यहां एक बहुत बड़ा प्राचीन शास्त्र भण्डार है, वहांका शास्त्र बंद रहता है । इममे शास्त्र भीतर ही सड़ते रहते हैं, एक नेरापंथी है उमका भी दर्शन करें, एक पाठशाला भी है । दि० नैनियोंके ५०-६० घर हैं, यहांपर प्राचीन खण्डहर हैं। यह पुराने दंगका शहर है, इससे देखने योग्य है । यहांका किला भी देखने योग्य है, यहांकी नशियामें २ मंदिर बड़े भव्य दर्शनीय हैं। फिर लौटकर स्टेशन आनाना चाहिये, मागे जाना हो तो बीकानेर होकर....पंजाबमें जावे | अगर लौटे तो सीधा मेरतारोड़ फलोदी नावे । कोईको फुलेरा, कुचामण माना हो तो डेगाना गाड़ी बदल कर सांभर नादि माना चाहिये ।
SR No.010324
Book TitleJain Tirth Yatra Darshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGebilal Bramhachari, Guljarilal Bramhachari
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages273
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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