SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 79
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जैन तीर्थयात्रादर्शक। [२५ दावाद । १ फुलेरा तक जाती है । अजमेरसे यदि इन्दौरकी तरफ नाना हो तो बीचमें नसीराबाद छावनी पड़ती है। किसीको उतरना हो तो उतर पड़े। (३५) नसीराबाद। स्टेशनसे २ मील दूर शहर है। -) मानेमें तांगावाला सवारी लेजाता है । नसियामें ठहरनेका भाराम है । सो ग्रामके पश्चिमकी तरफ नजदीक नसिया है । वहांपर ठहरना चाहिये । फिर शहरमें एक बड़ा मंदिर और एक चैत्यालय, एक नसिया ग्रामके पूर्वकी तरफ है । वहांपर तीन प्रतिमा बहुत बड़ी हैं। सो सबका दर्शन करना चाहिये । और पश्चिमकी नशियामें जहां ठहरनेको धर्मशाला, कुवा, जंगल, मंदिर और ग्रामके नजदीक सब आराम है। फिर यहां केकड़ी, अमरगढ़, बागीदौरा और चूलेश्वरजी अतिशयक्षेत्र तक जाने का रास्ता है । सो पूंछकर जाना चाहिये । नसीगबादसे आगे मांडलगढ़ तथा हमेरगढ़ स्टेशन पड़ता है। उसमें भी दिगम्बरियोंकी वस्ती और मंदिर हैं। आगे चूलेश्वर विनोलिया यहांसे भी ना सकते हैं। आगे चित्तौरगढ़, उदयपुर, रतलाम आदिका हाल उपर लिखा है वहांसे जानना चाहिये। अनमेरसे एक लाइन व्यावर मारवाड़ जंकशन भाब, महमदावाद जाती है उसका हाल आगे लिखा जायगा । तीसरी लाईन फुलेरा तरफ जाती है । उसका हाल नीचे लिखता हूं। अनमेरसे आगे किशुनगढ़ पड़ता है। यहांफर जैन मंदिर व जैन घर बहुत है । मागे मनमेरसे १३) देकर नरायनाका 'टिकट लेना चाहिये।
SR No.010324
Book TitleJain Tirth Yatra Darshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGebilal Bramhachari, Guljarilal Bramhachari
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages273
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy