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________________ (१३) कुलुहा पहाड़ लौटकर गया, फिर ईसरी-शिखरजी नावें । १ नाथनगर, चम्पापुर, भागलपुर । भागलपुर-१ रेलवे आसाम जाती है । कटीहारसे लेकर डिब. रूगढ़ जाती है । १ रेलवे मंदारगिरी क्षेत्र, लौटकर भागलपुर, फिर लौटकर लक्खीसरायकी उस गाड़ी बदलकर मधुपुर गिरोड़ी मोटरसे मधुवन (शिखरजी), भागलपुरसे १ लाईन हावड़ा कलकत्ता जाती है। मधुपुर-जंक से १ रेलवे गिरीडी (शिखरजी), कलकत्ता जाती हैं । गोमोहसे १ आद्रा होकर खडगपुर. १ कलकत्ता । कलकत्ता-से आगे जानेवालोंका हाल-बोघरा, पार्वतीपुर, कटीहार, वारमोदी, दिकशाल, नेपाल, छोवड़ी गोलगन, नलवाड़ी, गोहाटी, कमंख्या, पलासवाड़ी आदिमें जाती है । कलकत्तामे चारों तरफ रेल जाती हैं । लौटकर खड्गपुर आना। खड्गपुर-से १ रेलवे नागपुर तरफ, १ करक, भुवनेश्वरसे बैलगाड़ीमें खंडगिरी, उदयगिरी लौटकर भुवनेश्वर फिर खुर्दारोड । खडगपुरसे १ रेलवे आद्रा, गोमोहा, ईसरी, शिखरनी, गया । 'खुर्दारोडसे पांवर वैजनाथका मंदिर लौटकर खुदारोड, रेलवेसे जगदीश, लौटकर फिर खुर्दारोड। आगे जानेवाला बनवाड़ा मद्रास शहर जावे। मद्रास शहर-से ४ लाइनें जाती हैं। १ रायपुर, बारसी रोड़, पूना, बंबई। १ तीडोवनम् , सीताम्बुर, पोन्नूर, आदि । मारकोनम् । १ काटपाड़ी, आगे जौलारपेठ, बेङ्गलोर । आरकोनम् जंकशन-से १ रेलवे कांजीवरम् लौटकर मारकोनम, काटपाड़ी जंकशन ।
SR No.010324
Book TitleJain Tirth Yatra Darshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGebilal Bramhachari, Guljarilal Bramhachari
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages273
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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