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________________ (३५) कौन २क्षेत्र किस लाईनमें हैं क कहांसे जाना पड़ता है ? उदयपुर लाईनमें करेड़ा खुद स्टेशन है। करेड़ा पार्श्वनाथ सनवारसे । भीडर क्षेत्र जाकर वापिस लौट आवे । हिन्दू तीर्थ यहांसे कांकरोली, राजनगर, नव चौकिया, चतुर्भुन, रूपनी, नाथद्वारा आदि जावे । लौटकर वापिस भावे । नाथद्वारासे हिन्दुओंके तीर्थ जावे, उदयपुरसे एकलिंगनी जावे, लौटकर उदयपुर आवे । केशरियानी लौटकर आगे पीछे जाने का रास्ता है। दुर्गपुर, अहमदावाद तरफ भी एक रास्ता है, वापिस उदयपुर होर चितोड़गढ़ नाते हैं। चितौड़गढ़से २ लाइनोंका हाल । नीमच-होकर तांगासे विनौलिया पार्श्वनाथ और चूलेश्वर होकर आगे पोछे जाने का रास्ता है । नीमचसे रतलाम, जावरा । मन्दसौर-से मंदसौर, प्रताबगढ़, शांतिनाथ देवगढ़ लौटकर मंदसौर फिर रतलाम। रतलाम - से नागदा जंकशन, गोवरा, डाकोरनी, चाम्पानेर. पावागढ़, वडोदरा । नागदा-से उज्जैन, छत्रपुर, झालरापाटन, चांदखेरी, पंडितका सारोला। लौटकर झालरापाटन, फिर छत्रपुर स्टेशन फिर कोटा जंक। कोटा-तांगामें बूंदी लौटकर कोटा, फिर बाराक्षेत्र, लौटकर कोटा, फिर कोटासे केशवनी, पाटनगांव, फिर यहांसे टिकट लेकर सवाई माधोपुर चमत्कार, लौटकर माधोपुर । कोटासे १ रेलवे गुना कारंगढ़ क्षेत्र लौटकर गुना फिर मुंगावली, मोटरसे चंदेरी, थूवन ।
SR No.010324
Book TitleJain Tirth Yatra Darshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGebilal Bramhachari, Guljarilal Bramhachari
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages273
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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