SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 106
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ५२ ] जैन तीर्थयात्रादर्शक | 1 बहुत हैं | यहांकी जितनी यात्रा करनेकी इच्छा हो उतनी है करके स्टेशनपर आजावे । सीहोरारोड गाड़ी बदलकर फिर भाव नगर, गिरनार या वढवान वीरमगांम जिघर जाना हो उघर जावे ( ८६ ) अहमदाबाद | 1 यह एक बड़ा शहर है | यहांसे रेलवे बहुत जाती हैं। यह जंकशन भी बड़ा है । (१) आबू, अजमेर, फुलेरा, जयपुर, बांदी कुई, भरतपुर, रेवाड़ी देहली तक । ( २ ) सूरत - बम्बई तक | (३ वीरमगांव, ईंडर प्रांतीज, धौलका । और भी बहुत जगह गाड़ी जाती हैं | यहां पर स्टेशन के सामने हिंदू धर्मशाला है । वहीं पर ठहरन चाहिये । पाव मीलकी दूरीपर साकर बाजार में चैनसुख गंभीरमलजी श्रावगीकी कोटी है | वहां पर पानीकी बावड़ी, शौचस्नान, चैत्यालय आदिका सुभीता है । इसी चैत्यालय में एक बड़ी मनोज्ञ प्रतिमा बाहर से लाकर विराजमान की है। प्रतिमा प्राचीन दर्शनीय है । स्टेशन से २ मील की दूरी पर शलापोमरोडपर शहर में प्रे० मो० दि ० जैन बोर्डिग में भी ठहरनेको धर्मशाला है । यहां भी चैत्यालय और पानीका आराम है, -) आना सवारी में मोटरवाला लेजाता है । अतः इसी बोर्डिग में ठहरना चाहिये । आगे इच्छा यात्रियोंकी । फिर एक I I आदमी साथ लेकर दर्शनको जावे । एक मन्दिर पतासीकी पोल, २ मंदिर मौहिरा और बहुत प्रतिमा मांडवीकी पोल में हैं । १ चैत्यालय माधुपुरा में सेठ मनीराम गोवर्धनदास मन्दसौरवालोंकी दुकान के ऊपर, १ छीपापोल में जयसिंहमाईका चैत्यालय है । इत्यादिका दर्शन करे। यहां कपड़ा, कांच, लोहाका कारखाना है। गांधीजीका आश्रम और माणिकचौक आदि बाजार देखना चाहिये । यहां सब
SR No.010324
Book TitleJain Tirth Yatra Darshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGebilal Bramhachari, Guljarilal Bramhachari
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages273
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy