SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 79
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [७५ ] में मन्दिर बनवा कर यहाँ विराजमान कर दी गई, यह उखलद के पास ही है। श्रीक्षेत्र कुण्डल सतारा जिले में यह क्षेत्र है। पूना सतारा लाइन पर किर्लोस्कर वाढ़ी स्टेशन (दक्षिणी रेलवे) से सिर्फ तीन मील है। गांव में एक पुराना दि. जैन मन्दिर पार्श्वनाथ जी का है। गांव के पास पहाड़ पर दो मन्दिर और हैं (१) झरी पार्श्वनाथ मंदिरइस में पार्श्व-प्रतिमा पर अधिक जल वृष्टि होती है, इसलिए 'झरी पार्श्वनाथ' कहते हैं, (२) गिरीपार्श्वनाथ मन्दिर है । कहते हैं कि पहले यहां के इराण्णा गुफा मन्दिर में भ० महावीर की मूर्ति थी । श्रावण मास में यहाँ मेला होता है। श्रीक्षेत्र कुम्भोज ____ यह क्षेत्र हातका लंगड़ा स्टेशन से मील है। गांव में दो मंदिर हैं। पर्वत पर पाँच दि० जैन मंदिर प्राचीन हैं। श्री बाहुबलि स्वामी की चरणपादुकायें हैं। इस क्षेत्र का माहात्म्य अज्ञात है यहां मुनि समन्तभद्र जी द्वारा संस्थापित गुरुकुल हैं। सन्मति नामक मराठी का मासिक पत्र भी निकलता है। बाहुबलि स्वामी की विशाल मूर्ति भी प्रतिष्ठित है। अब इस क्षेत्र की विशेष प्रगति हो गई है। ऊपर जाने को सीढ़ियां बनी हुई हैं। श्रीक्षेत्र कुलपाक वैजवाड़ा लाइन पर अलेर स्टेशन से करीब ४ मील कुलपाक प्राचीन क्षेत्र हैं, जिसका सम्बन्ध श्री प्रादिनाथ स्वामी की प्रतिमा से है जो 'माणिक स्वामी' कहलाती है। किन्तु वह प्रतिमा चोरी चली गई। तब हरे वर्ण की प्रतिमा विराजमान कर दी गई । इस मंदिर पर श्वेताम्बरों ने अधिकार कर लिया है। दही गाँव दही गाँव जिला शोलापुर में डिक्सल (मध्य रेलवे) स्टेशन
SR No.010323
Book TitleJain Tirth aur Unki Yatra
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages135
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy