SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 26
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ नं० प्राचीन नाम ६ सम्मेद शिखर ७ कुमारी पर्वत ८ श्रावक पहाड़ ६ कुण्डलपुर ( ? ) कुलहा पर्वत १० ११ आरा तीर्थ का प्रकार सिद्धक्षेत्र प्रतिशयक्षेत्र नं० प्राचीन नाम १ कुंथलगिरि २ गजपंथा गिरि "" " " "" ܐܕ प्रकार सिद्धक्षेत्र वर्तमान माम व जिला सम्मेद शिखर (हजारीबाग) खंडगिरि उदयगिरि (उड़ीसा) श्रावक (गया) बड़गांव (पटना) कुलहा (गया) प्रारा (बिहार) कहां से जाया जाता है पारसनाथ हिल पूर्वी रेलवे भुवनेश्वर पूर्वीय रेलवे गया-रफीगंज "J बड़गांव रोड़ गया पूर्वीय रेलवे आरा महाराष्ट्र, गुजरात और कर्णाटक महाराष्ट्र, गुजरात और कर्णाटक देश जैनधर्म का उन्नतशील प्राङ्गण रहा है । राष्ट्रकूट और चालुक्य वंश के राजाओं के समय में इस प्रदेश में जैनधर्म की विजय दुदुभि बजती थी । वैसे प्रतीव प्राचीन कालसे जैन धर्म इन प्रान्तों में प्रचलित रहा है । दिगम्बर जैन सिद्धान्त का लिपिबद्ध अवतरण भी इसी प्रान्तार्गत हुआ हैं । इन प्रान्तों के तीर्थों की नामावली निम्न प्रकार है । "" 99 वर्तमान नाम रेलवे स्टेशन कुंथलगिरि (उस्मानाबाद) वार्शी टाउन मध्य रेलवे गजपंथा (नासिक) नासिक 31 [ २० ]
SR No.010323
Book TitleJain Tirth aur Unki Yatra
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages135
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy