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________________ २-वृष्य गुण पर्याय २/१-सामान्य अधिकार ६४. प्रयोजन किसे कहते हैं ? किस द्रव्य या गुण व पर्याय से हमारा कौनसा स्वार्थ सिद्ध होता है, सो 'प्रयोजन' है। ६५. वस्तु स्वभाव के कितने विभाग हैं ? चार हैं-स्व-द्रव्य, स्व-क्षेत्र, स्व-काल व स्व-भाव । ६६. स्व-द्रव्य किसे कहते हैं ? गुण पर्यायों के प्रदेशात्मक अधिष्ठान को उनका 'स्व-द्रव्य' कहते हैं। स्व-क्षेत्र किसे कहते हैं ? द्रव्य के प्रदेशों को अथवा उसकी लम्बी चौड़ी आकृति को उसका ‘स्व-क्षेत्र' कहते हैं । स्व-काल किसे कहते हैं ? द्रव्य व गुण में उस उसकी अपनी पर्याय उस उसका 'स्वकाल' है । अथवा द्रव्य गुण व पर्याय की अवधि अर्थात निज-निज स्थिति को उस उसका 'स्व-काल' कहते हैं। ६६. स्व-भाव किसे कहते हैं ? द्रव्य के गुण उसके 'स्व-भाव' हैं । अथवा द्रव्य गुण आदि का अपना-अपना स्वरूप उस उसका 'स्व-भाव' है। स्व-चतुष्टय की अपेक्षा द्रव्य में क्या प्रधान है और गुण व पर्याय में क्या ? द्रव्य में क्षेत्र प्रधान है क्योंकि वह गुण व पर्यायों का अधिष्ठान है । गुण में भाव की प्रधानता है क्योंकि वे स्वभाव हैं। पर्याय में काल प्रधान है, क्योंकि वे आगे पीछे क्रम से उत्पन्न होती हैं और नष्ट होती हैं । तथा पर्यायों से ही काल जाना जाता है । स्वचतुष्टय में सामान्य व विशेषपना दर्शाओ। द्रव्य सामान्य है और क्षेत्र उसका विशेष, क्योंकि द्रव्य आकारप्रधान है । भाव सामान्य है और काल उसका विशेष, क्योंकि गुण नित्य परिणमनशील है, आकार नित्य परिवर्तनशील नहीं १००. EPic १०२. 'संज्ञा' की अपेक्षा द्रव्य व गुण में भेद है या अभेद ? भेद है, क्योंकि द्रव्य की संज्ञा 'द्रव्य' है और गुण की संज्ञा 'गुण' ।
SR No.010310
Book TitleJain Siddhanta Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKaushal
PublisherDeshbhushanji Maharaj Trust
Publication Year
Total Pages386
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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