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________________ ७- स्याद्वाद ३०० १ - वस्तु स्वरूपाधिकार ५२. समय एक और पदार्थ अनेक; समय अनेक व पदार्थ एक, इनमें कौनसे अभाव घटित होते हैं ? एक समयवर्ती अनेक पदार्थ मौखिक द्रव्य या स्कन्ध होते हैं, अतः अत्यन्ताभाव व अन्योन्याभाव घटित होते हैं । और अनेक समयवर्ती एक पदार्थ पर्याय रूप होने से वहाँ प्रागभाव व प्रध्वंसाभाव घटित होते हैं । ५३. द्रव्य गुण में अथवा एक द्रव्य के दो गुणों में परस्पर कौन सा अभाव लागू होता है ? इन चारों अभावों में से कोई नहीं । तहाँ तदभाव है । ५४. तदभाव किसको कहते हैं ? स्वरूप से भिन्न हों; अर्थात संज्ञा लक्षण प्रयोजन भिन्न हों पर प्रदेशों से भिन्न न हों वहां तदभाव होता है । जैसे- द्रव्य का स्वरूप द्रव्य रूप ही है गुण रूप नहीं, और गुण का स्वरूप गुण काही द्रव्य नहीं । अथवा रस गुण रस ही है वर्ण नहीं और वर्ण गुण वर्ण ही है रस नहीं । यही तत् तत् अभाव है । ५५. एक द्रव्य के गुण व पर्यायों में तथा दो द्रव्य के गुण व पर्यायों में कौन से अभाव ? एक द्रव्यगत गुणों में परस्पर तदभाव हैं, पर्यायों में परस्पर प्रागभाव प्रध्वंसाभाव है । दो द्रव्यों में तथा उनके गुणों व पर्यायों में अत्यन्ताभाव है । दो स्कन्ध पर्यायों में अन्योन्याभाव हैं । ५६. निम्न पदार्थों में परस्पर कौन सा अभाव ? १. दूध-दही, २. कुम्हार घड़ा, ३. घट पट, ४. सम्यग्दर्शन, मिथ्यादर्शन, ५. तेजस व कर्माण शरीर, ६. गुरु व शिष्य, ७. पुस्तक व विद्यार्थी, ८. इच्छा व भाषा, १०. शरीर व वस्त्र, १९. शरीर व जीव, १३. आम का रूप व रस ? ६. चशमा व ज्ञान, १२. ज्ञान व सुख, १. प्राक् व प्रध्वंसाभाव अथवा अन्योन्याभाव, अत्यन्ताभाव, ३. अन्योन्याभाव, ४. प्राग भाव प्रध्वंसाभाव, ५. अन्योन्या
SR No.010310
Book TitleJain Siddhanta Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKaushal
PublisherDeshbhushanji Maharaj Trust
Publication Year
Total Pages386
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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