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________________ १-न्याय १-लक्षणाधिकार (१६) अतिव्याप्ति दोष किसे कहते हैं ? लक्ष्य और अलक्ष्य में लक्षण के रहने को अतिव्याप्ति दोष कहते हैं; जैसे गौ का लक्षण सींग। . (१७) अलक्ष्य किसे कहते हैं ? लक्ष्य के अतिरिक्त दूसरे पदार्थों को अलक्ष्य कहते हैं। (१८) असम्भव दोष किसे कहते हैं ? लक्ष्य में लक्षण की असम्भवता को असम्भव दोष कहते हैं । प्रश्नावली १. पदार्थों को जानने के कितने उपाय हैं ? २. पदार्थों को जानने के लिये क्या एक ही उपाय से काम चल ___ सकता है, कारण सहित बताओ। ३. लक्षण का लक्षण करो। ४. अनेक पक्षियों में से यह कैसे जाना जाये कि यह तोता है या कबूतर ? ५. लक्षण के भेद व उनके लक्षण बताओ। ६. निम्न में लक्ष्य व लक्षण दर्शाओ: - उत्पाद व्यय प्रौव्ययुक्तं सत्; गुणपर्ययवद् द्रव्यं; ज्ञानवानश्च जीवो; स्पर्शरसगन्धवर्णवन्तः पुद्गलः; दण्डेवाला व्यक्ति रामदत्त है; जिस पर कौवा बैठा है वह मकान रामदत्त का है; बरामदे वाला पीला भवन हस्पताल है; झंडे वाला भवन कोर्ट है। ७. निम्न उदाहरणों में से आत्मभत व अनात्मभूत लक्षण बताओ: देवदत्त का घर; आम का वृक्ष; पीले रंग का मकान, छतरी वाला मनुष्य; गाने वाला पुरुष; जिसके मुह पर तिल है वही राजाराम है। ८. निम्न के लक्षण करो: अतिव्याप्ति, लक्ष्य, अव्याप्ति, असंभव, लक्षणाभास । ६. लक्षणाभास कितने प्रकार का है ?
SR No.010310
Book TitleJain Siddhanta Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKaushal
PublisherDeshbhushanji Maharaj Trust
Publication Year
Total Pages386
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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