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________________ २/६ अन्य विषयाधिकार (१. विग्रह गति) (१) विग्रह गति किसको कहते हैं ? एक शरीर को छोड़कर दूसरा शरीर ग्रहण करने के लिये जीव के जाने को विग्रह गति कहते हैं। (२) विग्रह गति कितने प्रकार की होती है ? चार-ऋजुगति, पाणिमुक्ता गति, लांगलिका गति, गोमूत्रिका गति । ३. ऋजु गति किसे कहते हैं ? सीधी गति अर्थात बिना मुड़े सीधे जाने को ऋजुगति कहते ४. पाणिमुक्ता गति किसे कहते हैं ? गमन करते हुए बीच में एक बार मुड़ना पड़े ऐसी गति । ५. लांगलिका गति किसे कहते हैं ? गमन करते हुए बीच में दो बार मुड़ना पड़े ऐसी हलाकार गति । ६. गोमूत्रिका गति किसे कहते हैं ? गमन करते हुए बीच में तीन बार मुड़ना पड़े ऐसी गति । ७. सीधा चलने से क्या समझे? ऊर्ध्व रेखा पर (Vertical axis पर) या तिर्यक् रेखा पर (Horizontal axis पर) ही चलना तिरछा (Diagonal axis पर) नहीं।
SR No.010310
Book TitleJain Siddhanta Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKaushal
PublisherDeshbhushanji Maharaj Trust
Publication Year
Total Pages386
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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