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________________ १०] जैनासदांतसंग्रह। जन्मतिथि फाल्गुन वदी १४, जन्मनक्षत्र शतभिषा, काय ऊंची ७० धनुष, रंग आरक (मुरस) केमूके फूल समान, आयु ७२ लाख वर्ष, दीक्षातिथि फाल्गुन वदी ११, दीनाक्ष पाटल, केवलज्ञान तिथि वृन्दावन-वत्सतावर व पाठाम मादों वदी २, रामचंद्रग्तम माघ सुदी २, गणधर १६, निर्वाण तिथि भादों सुदी ११, निर्वाण आसन खडासन, निर्वाणस्थान चयापुरीका वन, अन्तर इनसे ३. सागर गए पीछे १५व विमलनाथ भए। वासुपूज्य बालब्रह्मचारी भए न विवाह क्रिया, न राज्य किया-कुमार अवस्था में ही दीक्षा ली। १३-विमलनायके मूबरका चिह्न । पहला मा ९वां शुक्र स्वर्ग, जन्मनगरी कपिला, पिताका नाम स्तवर्मा, माताका नाम मुरन्या, गर्भनिधि ज्येष्ठ वदी १०, जन्मतिथि वृन्दावन व वनावर पाठोंमें माघ मुदी ३, रामचंद्रवमें माघ सुदी ११, जन्मनक्षत्र उत्तरापाड, काय ६० धनुष ऊंची, रंग पीला सुवर्ण समान, आयु १० लाख वर्ष दीक्षातिथि माय मुदी १, दीक्षावृक्ष लंब, केवलज्ञान विधि माघ सुदी ६, गणघर १५, निर्वाणतिथि आपाद बदी ६. निर्वाण आसन सहासन. निर्वाणस्थान सन्नेदशिखर, अंतर-इनके पाछे ९ सागर गए बाद १४ व अनंतनाथ मए। १४-अनंतनायक सेहीका चिह्न। पहला मव १२ वां सहसार स्वर्ग, जन्मनगरी अयोध्या, पिता का नाम सिंहसेन, माताका नाम सर्वयशा, गर्मतिथि कार्तिक वदी १, जन्मतिथि ज्येष्ठ वदी १२, नन्मनक्षत्र रेवती, काय
SR No.010309
Book TitleJain Siddhanta Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSadbodh Ratnakar Karyalaya Sagar
PublisherSadbodh Ratnakar Karyalaya Sagar
Publication Year
Total Pages422
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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