SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 12
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जैनसिद्धांतसंग्रह। "मितारी, माताका नाम सेना, गर्मतिथि फाल्गुन सुदी ८, जन्मतिथि कार्तिक शुदि १५, जन्मनक्षत्र पूर्वापाद, काय ऊंची ४.. धनुष, रंग पीला सुवर्ण समान, आयु ६० लाख पूर्व, दीक्षातिथि माशिर शुदि १५, दीक्षावृक्ष शाल, केवलज्ञान तिथि कार्तिक बदि ४, गणधर १०१, निर्वाणतिथि चैत्र शुदि ६, निर्वाण आसन खड्गासन, निर्वाण स्थान सम्मेशिखर, अन्तर-इनसे १० लाख कोटि सागर गए पीछे ४ थे अभिनन्दननाथ भए। . ४-अभिनन्दननाथके वन्दरका चिह। पहला भव नियंत, जन्मनगरी अयोध्या, पिताका नाम संवर, माताका नाम सिद्धार्था, गर्मतिथि वृन्दावन और बखतावरसिंहकृत पाठोंमें वैशाख शुदि ६, रामचन्द्रकृतमें वैशाख शुदि ८, जन्मतिथि माघ शुदि १२, जन्मनक्षत्र पुनर्वस, काय ऊंची ३५० धनुप, रंग सुवर्ण समान पला, आयु ५० लाख पूर्व, दीक्षातिथि माघ शुदि १२, दीक्षावृक्ष सरल, केवलज्ञान तिथि घोष शुदि ११, गणधर १०१, निर्वाणतिथि वैशाख शुदि, निर्वाण मासन खड्गासन, निर्वाणस्थान सम्मेदशिखर, अन्तर-इनसे ९, लाख कोटी सागर गए पीछे ५ चे सुमतिनाथ भए । ५-सुमतिनाथके चकवेका चिह्न । पहला भव ऊई मैवेयफ, जन्मनगरी अयोध्या, पिताका नाम मेघप्रम, माताका नाम सुमंगला, गतिथि श्रावण शुदि २, जन्मतिथि चैत्र शुदि ११, जन्मनक्षत्र मघा, काय ऊंची ३०० धनुष, रंग सुवर्ण समान पीला, आयु १० लाख पूर्व, दीक्षातिथि वृन्दावन और वखतावरकत पाठोंमें चैत्र सुदी ११, रामचंद्रकृतमें
SR No.010309
Book TitleJain Siddhanta Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSadbodh Ratnakar Karyalaya Sagar
PublisherSadbodh Ratnakar Karyalaya Sagar
Publication Year
Total Pages422
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy