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________________ जैन सिद्धान्त दीपिका ६. ब्रह्मचर्य-प्रतिमा समय-६ मास विधि-सर्वषा शील पालना। ७. सचित्त-प्रतिमा समय -७ मास विधि-सचित्त आहार का परित्याग करना । ८. मारम्भ-प्रतिमा समय-८ मास विधि-स्वयं आरम्भ-समारम्भ न करना। ६. प्रेय-प्रतिमा समय-मास विधि--नौकर-चाकर आदि से आरम्भ-ममारम्भ न कराना। उद्दिष्ट-वर्जन-प्रतिमा समय-१० मास विधि-उद्दिष्ट भोजन का परित्याग करना । दमवीं प्रतिमावाला बालों का क्षुर से मुण्डन करता है अथवा शिखा धारण करता है । पर सम्बन्धी प्रश्न करने पर "मैं जानता हूं या नहीं" इन दो वाक्यों से ज्यादा नहीं बोलता। श्रमणभूत-प्रतिमा समय-११ मास विधि-ग्यारहवीं प्रतिमावाला क्षुर से मुण्डन करता है अथवा लांच करता है और साधु का भाचार, भण्डोपकरण एवं वेश धारण करना है । केवल जाति
SR No.010307
Book TitleJain Siddhant Dipika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year1970
Total Pages232
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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