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________________ तुलना का आशय इस तुलना का आशय मतभेद वटाना न होकर कृष्ण चरित्र के सम्बन्ध मे विशद् अध्ययन करना है । इसका उद्देश्य उनके उन क्रिया-कलापो, महानतामो और विशिष्टताओ को प्रकाश में लाना है जो वैदिक परम्परा के लेखको की दृष्टि से ओझल रह गई थी। वस्तुस्थिति यह भी है कि किमी (४) गोवर्द्धन धारण-आयु १० वर्ष, स० ३११८ वि० पू० । (५) राम-लीला-- आयु ११ वर्ष, म० ३११७ वि० पू० । (E) वृन्दावन मे मथुग प्रम्यान और कम वध-आयु १२ वर्प, म० ३११६ वि० पू० फाल्गुन शुक्ला १४ । (७) मयुरा मे यज्ञोपवीत और सादीपनि के गुरुकुल को प्रस्थान-आयु १२ वर्ष, स० ३११६ वि० पूर्व । (८) जरासन्ध का मथुरा पर प्रथम आक्रमण-आयु १३ वर्ष, म० ३११५ वि०० - (8) मथरा का जीवन और जरासध के १७ आक्रमण-आय १३ से ३० वर्प, स० ३११५ से ३०९ वि० पू० । (१०) द्वारिका-प्रस्थान और रुक्मिणी विवाह-आयु ३१ वर्प, स० ३०६७ वि० पू० । (११) द्रौपदी स्वयवर और पाडवो मे मिलन-आयु ४३ वर्ष, स० ३०८५ वि० पू०। . . (१२) अर्जुन-सुभद्रा विवाह-आयु ३५ वर्प, म० ३०६३ वि० पू० । (१३) अभिमन्यु-जन्म-आयु ६७ वर्प, स० ३०६१ वि० पू० । (१४) युधिष्ठिर का राजसूय यन-आयु ६८ वर्ष, स० ३०६० वि० पू० । (१५) महाभारत का युद्ध-आयु ८३ वर्प, स० ३०४५ वि० पू० मार्ग शीर्प शुक्ला १४ । (१६) कलियुग का प्रारम्भ और परीक्षित का जन्म-~-आयु ८४ वर्ष, स० ३०४४ वि० पू० चैत्र शुक्ला १ । (१७) श्रीकृष्ण का तिरोधान और द्वारिका का अन्त-आयु १२० वर्प, स० ३००८ वि० पू० ।
SR No.010306
Book TitleJain Shrikrushna Katha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Shreechand Surana
PublisherHajarimalmuni Smruti Granth Prakashan Samiti Byavar
Publication Year1978
Total Pages373
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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