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________________ सन्धि वार्ता सन्तान दर दर को ठोकरे खाती फिरेक्षत्रिय राजापो का वचन यदि इस प्रकार तोडा गया तो यह कोरच वश पर ही नही वरन समस्त चीगे के लिए कलक की बात होगी । यदि कोरच राज के दरबार मे विगजमान धर्मात्माओ के रहते यह अन्याय हुआ तो इस कलक की उत्तर द यित्त्व उन पर भी होगा । पाण्डव सम्पूर्ण राज्य नहीं चाहते वे चाहते है वहीं आधा भाग जो स्वय धृतराष्ट्र ने दिया था। यदि उन्होने जुआ खेलने को भूल की थी तो उस भूल का इतना कठोर दण्ड किन १२ वर्ष तक राज्य विहीन होकर मारे मारे फिरे, एक वर्ष तक नौकर च कर होकर उन्होने विराट नरेश की सेवा की, वहत ही काफी, है बल्कि अधिक है। इस समय कौरव कुल की प्रतिष्ठा का सवाल है। समस्त क्षत्रिय वीरो की प्रतिष्ठा का प्रश्न है। पाण्डव राज्य पाने केलिए युद्ध नहीं चाहते क्योकि युद्ध मे जो भयकर रक्तपात होगा उसका मूल्य पाण्डु नरेश के राज्य के आधे भाग्य के मूल्य से सहस्त्र गुना अधिक होगा। महाराज युधिष्ठिर नही चाहते कि एक ही कुल को सन्ताने अ.पस मे शत्रु बन कर रण क्षेत्र मे उतरे । वे इस बात के विरुद्ध है कि भाइयो के परस्पर विवाद के लिए भरतखण्ड के करोडो योद्धा एक दूसरे के रक्त के प्यासे बन कर हिंसक पशुओ की भाँति एक दूसरे पर झपटे । यदि युद्ध हुआ तो इतना भयकर होगा कि इस महायुद्धमे पता नही कितने अनगिनत वीर काम आये। कितनी माताओ की गोद खाली हो और कितनी बहनो के सुहाग युद्ध की ज्वाला मे भस्म हो जायें, कितने लाख बालक अनाथ बन जाये। इतने भयकर महायुद्ध को टालना अब आप के हाथ मे है । महाराज युधिष्ठिर की हादिक कामना है कि इस विवाद को शाति वार्ता के द्वारा सुलझा लिया जाये । इस लिए न्याय तथा वचन के अनुसार उन का राज्य उन्हें लौटा दिया जाये । मैं यही सन्देश लेकर आया हूं कि महायुद्ध को टालने के लिए आप अपनी ओर से उनकी मांग स्वीकार करने में विलम्ब करे । यदि समझौते के द्वारा उन्हे उन का भाग लौटा दिया गया तो फिर इस कुल की सन्तानो मे परस्पर सहयोग तथा स्नेह की धारा चल निकलेगी।" इतना कह कर दूत ने समस्त उपस्थित नीतिज्ञों की ओर दृष्टि उठाई। सभी के चेहरो पर पाते उतार चढ़ाव को परखने के उपरान्त
SR No.010302
Book TitleShukl Jain Mahabharat 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShuklchand Maharaj
PublisherKashiram Smruti Granthmala Delhi
Publication Year
Total Pages621
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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