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________________ २५८ जेन महाभारत mmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmm में आगया। देवकी ने दरिद्र की निधि की भाँति उस गर्भ की बड़ी सावधानी से रक्षा की। दोहद काल के पूर्ण होने पर श्रावण कृष्णा अष्ठमी को रात्रि के समय शुभ मुहूर्त में देवकी के उदर से श्री कृष्ण का जन्म हुआ। देवकी के आग्रह पर उसके सप्तम पुत्र के जीवन रक्षा की योजना बन चुकी थी । और इस बालक के लिये महान् त्याग तथा बलिदान करने वाला संरक्षक वसुदेव को मिल गया था । शिशु के मुख पर अपूर्व काँति थी । वसुदेव ने मुख देखा तो हृदय पुलकित हो गया। उन्होंने एक क्षण भी व्यर्थ जाने देना अनुचित जान कर बालक को गोद मे उठा लिया। और खर्राटे भरते पहरेदारो को वहीं निद्रामग्न छोड़ बालक को लेकर चल पड़े। __सड़के सुनसान थीं। अंधकार व्याप्त था, पर इस घोर काली रात्रि का सीना चीरती हुई तड़ित की रेखा प्रकाश उन्हे रास्ता दिखाने लगा। वसुदेव मथुरा के द्वार पर पहुंचे । लौह के ऊंचे और मजबूत द्वार पर जाकर देखा कि भारी भरकम ताले लटक रहे हैं, श्रखलाए जकड़ी हुई है । वसुदेव चिन्तित हो गए-हाय अब वे कैसे निकलेगे? पर उसी क्षण बालक के हाथ पावों की हरकत हुई, पैर फाटक से जा भिड़े और "तड़ाक, तड़ाक' समस्त ताले, शृखलाए आदि एक क्षण मे टूट गए। और फाटक स्वय "चर्ट-चर्ट" होकर खुल गया। इस आश्चर्य जनक घटना को देख कर वसुदेव आश्चर्य चकित रह गए। द्वार श्रखलाए और ताले स्वयं गस्ता दे रहे थे। द्वार पर रखे पिंजरे में बन्दी उग्रसैन ने ताले टूटने की आवाज सुनी, वे घबराकर जाग उठे । पूछा-- १ उत्तर भारत की दृष्टि से भाद्रपद कृष्ण । यू तो वसुदेव का पुत्र वासुदेव कहलाता है किन्तु जैन शास्त्रो में वसुदेव एक पद विशेष माना गया है। श्रीकृष्ण नवें वासुदेव थे । वासुदेव के कतिपय लक्षण है जो इनके परिचायक हाते हैं । जैसे -कोटि मन प्रमाण वाली प्रस्तर शिला का उठाना प्रति वासुदेव को रणक्षेत्र में पछाड़ना, भरत क्षेत्र के तीन खण्डो पर पूर्ण प्राधिपत्य का होना, सोलह हजार रामायो का आधिपत्य होना सोलह हजार देवो का आश्रित रहना, रणक्षेत्र में विना शस्त्र के दस हजार योद्धाओ के दमन की शक्ति का होना सुदर्शन चक्र यह चिह्न विशेष हैं।
SR No.010301
Book TitleShukl Jain Mahabharat 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShuklchand Maharaj
PublisherKashiram Smruti Granthmala Delhi
Publication Year1958
Total Pages617
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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