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________________ २३ . . . . • ६६ वसुदेव का गृह त्याग और चिता प्रवेश वसुदेव का विजयखेट नगर में पहुँचना वसुदेव का श्यामा तथा विजया से विवाह राजकुमारी श्यामा का वरण और अगारक से युद्ध श्यामा का भी अगारक से युद्ध पाचवां परिच्छेद - ८५-१०७ गन्धर्वदत्ता परिणय वसुदेव का वीणा वादन अध्ययन ८६ विजय श्री वसुदेव के हाथ विष्णुकुमार चरित्र (विष्णु गीतिका की उत्पत्ति) .. १७ छठा परिच्छेद - १०८-१३७ चारुदत्त की आत्म कथा .. • १०८ अमित गति विद्याधर का वृत्तान्त ११५ मेरा पतन मेरा विदेश भ्रमण अमित गति विद्याधर का अगला वृत्तांत मेरा गृहागमन १३७ उपपरिच्छेद - १३८१५६ मात्तग सुन्दरी नीलयशा १३८ नीलयशा का मयूर द्वारा हरा जाना - १४५ वेगवती की आत्म कथा सातवां परिच्छेदः १६०-१८० मदनवेगा परिणय .. • १६० बालचन्द्रा की प्राप्ति विद्य दृष्ट विद्याधर का वृत्तान्त राज कुमारी प्रियगु मंजरी सोम श्री का पुनर्मिलन ११७ १२२ १३५ . १५७ १६८ १७० १७२ १८०
SR No.010301
Book TitleShukl Jain Mahabharat 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShuklchand Maharaj
PublisherKashiram Smruti Granthmala Delhi
Publication Year1958
Total Pages617
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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