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________________ २४. मन-शुद्धि के उपाय योग ११ २५. परमाणु-स्कन्धो के संयोग के हेतु २५ २६ परमाणु-स्कन्धो के निरोध के हेतु बन्ध और मुक्ति के हेतु २७ २७. आत्मा को जानने के साधन २७ साधना का प्रयोजन २७ दूसरा प्रकरण २६-३६ १. मन के प्रकार २६ २ मूढ मन की परिभाषा २६ ३ साधना के लिए मूढ मन की अयोग्यता २६ ४ विक्षिप्त मन की परिभाषा २६ ५ यातायात मन की परिभाषा २६ ६ प्रारम्भिक अभ्यास करने वालो मे यातायात मन का अस्तित्व २६ ७ बाह्य के ग्रहण से स्थैर्य और आनन्द की अल्पता २६ ८. श्लिष्ट मन की परिभाषा २६ ६ सुलीन मन की परिभाषा २६ १० परिपक्व अभ्यास वालो मे श्लिष्ट और सुलीन मनका अस्तित्व २६ ११ बाह्य के अग्रहण से स्थर्य और आनन्द की विपुलता २६ १२ श्लिष्ट और सुलीन मन का विषय २६ १३ निरुद्ध मन की परिभाषा २६ १४ वीतराग मे निरुद्ध मन का अस्तित्व २६ १५ सहज आनन्द का प्रकटीकरण मन की छह अवस्थाए २६ १६-२० मनोनिरोध के साधन ३४ २१ मनोनिरोध के साधनो की उपलब्धि ___ मनोनिरोध के साधन ३४ तीसरा प्रकरण ४०-६१. १ ध्यान की परिभाषा ध्यान ४० रमाका २६ ,
SR No.010300
Book TitleManonushasanam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year1998
Total Pages237
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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