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________________ जैन साहित्य और इतिहास पत्नीका नाम मोपला था जो शीलवती और चन्द्ररेखाके समान पवित्र थी । उसके पुत्रका नाम महिमाधाम देपाल ( देवपाल ) था जिसकी चाहणि देवी नामक भार्यासे सुन्दर विनयशील रुंडाक नामक पुत्र उत्पन्न हुआ, जो दान कर करके अपनी लक्ष्मीको सफल करता है । उसकी हानू और जासल नामकी दो भार्याीयें महादेवकी गंगा और पार्वती के सदृश थीं, जो सद्धर्ममार्ग में रत, सागारवतों की रक्षा करनेवाली और रत्नत्रयको प्रकाशित करनेवाली थीं । ૩૦૪ श्री कुन्दकुन्दके वंश में प्रभावशाली रामचन्द्र के शिष्य शुभकीर्ति हुए जो बड़े तपस्वी थे । इस समय उनके पदको अपनी विद्या के प्रभाव से विशालकीर्ति शोभित कर रहे हैं, जिनके अनेक शिष्य हैं और जो एकान्तवादियोंको पराजित करनेवाले हैं। विशालकीर्तिके शिष्य विजयसिंह हैं, जिनके कंटमें जिनगुणों की मणिमाला सदैव शोभा देती है । उसने ( रुंडाकने ? ) यह भगवान् धर्मनाथका काव्य ( धर्मशर्माभ्युदय ) पुण्यवृद्धिके निमित्त विजयसिंहको वितरण किया । इस १७६ नम्बरवाली प्रतिमें प्रति लिखनेका समय नहीं दिया है; परन्तु रामचन्द्र, शुभकीर्ति या विशालकीर्तिके समय का पता यदि अन्य साधनों से लगाया जा सके तो वह मालूम हो सकता है । विद्यापुर गुजरातका बीजापुर ही मालूम होता है । वहाँ हूँबड़ जातिके जैनोंकी बस्ती अब भी है । साहित्याचार्य पं० राजकुमार शास्त्री अपने ता० २२-११-४१ के पत्र में लिखते हैं कि वाग्भटके नेमिनिर्वाण काव्य और धर्मशर्माभ्युदयका तुलनात्मक अध्ययन करने से ऐसा मालूम होता है कि वाग्भटने धर्मशर्माभ्युदयका अच्छी तरह परिशीलन किया था । कई पद्योंको थोडेसे ही हेरफेरके साथ उन्होंने अपना बना लिया है । उदाहरण के लिए दोनों का प्रथम पद्य देखिए । इसी तरह धर्मशर्माभ्युदय के पंचम सर्गका और नेमिनिर्वाण के द्वितीय सर्गका प्रारंभिक अंश भी मिलता जुलता है जिसमें कि एक सुरांगना आकाशसे उतरती हुई राजाको दिखलाई देती है और इससे धर्मशर्माभ्युदय नेमिनिर्वाण से पहलेका जान पड़ता है । अन्यत्र बतलाया गया है कि नेमिनिर्वाण विक्रमकी बारहवीं शताब्दिके प्रारम्भसे पहले की रचना है । अतएव हरिचन्द्रका समय ग्यारहवीं शताब्दितक तो पहुँच ही जाता है ।
SR No.010293
Book TitleJain Sahitya aur Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathuram Premi
PublisherHindi Granthratna Karyalaya
Publication Year1942
Total Pages650
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size62 MB
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