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________________ पद्मचरित और पउमचरिय सम्प्रदायवाले मानते हैं, तो फिर कहना होगा कि यह उस समयका है जब जैनधर्म अविभक्त था । हमें इस ग्रन्थ में कोई ऐसी बात भी नहीं मिली जिसपर दोमेंसे किसी एक सम्प्रदायकी कोई गहरी छाप लगी हो और जिससे हम यह निर्णय कर सकें कि विमलसूरि अमुक सम्प्रदाय के ही थे । बल्कि कुछ बातें ऐसी हैं जो श्वेताम्बर-परम्पराके विरुद्ध जाती हैं और कुछ दिगम्बरपरम्परा के विरुद्ध । इससे ऐसा मालूम होता है कि यह एक तीसरी ही, दोनोंके बीच की, विचार-धारा थी । पउमचरियके कुछ विशिष्ट कथन १ – इस ग्रन्थके प्रारम्भमें कहा गया है कि भगवान् महावीरका समवसरण विपुलाचलपर आया, तब उसकी खबर पाकर मगध- नरेश श्रेणिक वहाँ पहुँचे और उनके पूछनेपर गोतम गणधरने रामकथा केही । दिगम्बर सम्प्रदाय के प्रायः सभी कथा-ग्रन्थोंका प्रारम्भ इसी तरह होता है । कहीं कहीं गोतम स्वामीके बदले सुधर्मा स्वामीका नाम भी रहता है । परन्तु जहाँ तक हम जानते हैं श्वेताम्बर सम्प्रदाय कथा-ग्रन्थोंको प्रारम्भ करने की यह पद्धति नहीं है । उनमें आम तौर से सुधर्मा स्वामीने जम्बूसे कहा, इस तरह कहनेकी पद्धति है । जैसे कि संघदासवाचकने वसुदेव - हिंडिके प्रथमांश में कहा है कि सुधर्म स्वामीने जम्बूसे प्रथमानुयोगत तीर्थकर चक्रवर्ति यादववंशप्ररूपणागत वसुदेवचरित कहाँ । अन्य ग्रन्थोंमें भी यही पद्धति है । २८३ २ - जिन भगवानकी माताको जो स्वप्न आते हैं, उनकी संख्या दिगम्बर सम्प्रदाय में १६ बतलाई है, जब कि श्वेताम्बर सम्प्रदाय में १४ स्वप्न माने जाते हैं । परन्तु पउमचरियमें १५ स्वप्न हैं । आवश्यककी हारिभद्रीय वृत्तिर्मे ( पृ० १७८) १ - वीरस्स वरठाणं विउलगिरी मत्थये मणभिरामे । तह इंदभूयिकहियं सेोणियरण्णस्स णीसेसं || ३४ | २ - श्रेणिक प्रश्नमुद्दिश्य सुधर्मो गणनायकः । यथोवाच मयाप्येतदुच्यते मोक्षलिप्सया || - क्षत्रचूडामणि ३ तत्थ ताव ' सुहम्मसामिणा जंबुनामस्स पढमानुओगे तित्थयर- चक्कवट्टि - दसार- वंसपरूवणागयं वसुदेवचरियं कहियं ' ति तस्सेव पभवो कहेयव्वो, तप्पभवस्सय पभवस्सति । ४ वह गँय सी वरसिरि दोमं सैंसि रैवि झयं च कलेसं च । सेरेसीयरं विमणं वरभवणं स्येणकूड़ेगी ॥ ६२ ॥ - तृ० उद्देस |
SR No.010293
Book TitleJain Sahitya aur Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathuram Premi
PublisherHindi Granthratna Karyalaya
Publication Year1942
Total Pages650
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size62 MB
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