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________________ लेख-सूची पृ० सं० Mmm Mmm ०, २ १ लोकविभाग और तिलोयपण्ण त्ति ( जैनहितैषी, १९१७) । २ आराधना और उसकी टीकायें ( अनेकान्त, १९३१) ३ यापनीय साहित्य की खोज ( अनेकान्त, १९३९) ४ सोमदेवसूरिका नीतिवाक्यामृत ( जै० सा० सं०, १९२३) ५ देवनन्दि और उनका जैनेन्द्र व्याकरण ( जै० हि०, १९२१) ६ पण्डितवर आशाधर ( जै० हि०, १९०९ ) १२९ ७ शाकटायन और उनका शब्दानुशासन ( जै० हि०, १९१६ ) ८ नयचक्र और देवसेनसूरि ( जै० हि०, १९२१) १६३ ९ आचार्य अमितगति ( जै० हि०, १९०८) १० हमारे तीर्थक्षेत्र ( जै० सि० भा०, १९३९ ) १८५ ११ दक्षिणके तीर्थक्षेत्र ( अनेकान्त, १९४० ) २२३ १२ तीर्थोके झगड़ोंपर ऐतिहासिक दृष्टिसे विचार ( जै० हि०, १९२१ ) २३९ १३ जंबुदीवपण्णत्ति ( जै० सा० सं०, १९२४ ) १४ नाट्यकार हस्तिमल्ल ( विक्रान्तकौरवकी भूमिका, १९२९ ) १५ वादिचन्द्र सूरि ( जून १९०९) २६७ १६ पद्मचरित और पउमचरिय २७२ २७ चामुण्डराय और उनके समकालीन आचार्य (जै० हि०, १९१६) १८ महाकवि पुष्पदन्त ( जै० सा० सं०, १९२३ ) १९ श्रीचन्द्र और प्रभाचन्द्र ( अनेकान्त, १९४१) ३३५ २० साम्प्रदायिक द्वेषका एक उदाहरण (जै० हि०, १९०९) ३४० २१ वनवासी और चैत्यवासी सम्प्रदाय ( जै० हि०, १९२०) २२ महाकविं स्वयंभु और त्रिभुवन स्वयंभु २३ वादिराजसूरि ( जैनहितैषी, १९१२) २४ श्रुतसागरसूरि ( जै० हि०, १९२१) २५ मल्लिषेणसूरि ( विद्वद्रत्नमाला, १९१२) २६ आचार्य जिनसेन और उनका हरिवंश ( ह. की भू०, १९३० ) ४२० २५१ २६० in is o m ny in w was om x x 9. o or in in m m x x x ३९६ ४०६ ०
SR No.010293
Book TitleJain Sahitya aur Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathuram Premi
PublisherHindi Granthratna Karyalaya
Publication Year1942
Total Pages650
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size62 MB
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