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________________ हनुमानका सीताकी खबर लाना। २९७ newwwwnanvr ..... .. ...nonrmmmmer उत्तर दिया था कि-- जो साहसगति विद्याधरको मारेगा वही तुम्हारी कन्याओंका पति होगा।" उसके बाद हमारे पिता उस पुरुषकी खोज करने लगे; परन्तु कहीं भी उसका पता नहीं मिला । इसलिए उसको जाननेके लिए हमने यह विद्या साधना प्रारंभ किया था। ___ उस उन्मत्त अंगारकने विद्या साधनमें विघ्न डालनेको यह दावानल प्रकट किया था, इसको आपके समान निष्कारण बन्धुने भली प्रकारसे शमन कर दिया । और जो 'मनोगामिनी' विद्या छः महीने में सिद्ध होती है, वह भी क्षण वारहीमें आपकी सहायतासे सिद्ध हो गई।" ___ साहसगतिका रामने वध किया है, और वे उन्हींके कार्यार्थ लंकामें जा रहे हैं; क्यों जा रहे हैं आदि सारी बातें हनुमानने उनको कह सुनाई। सुन कर तीनों कन्याएँ हर्षित हो, अपने पिताके पास गई; और उन्होंने अपने पिताको, हनुमानकी कही हुई, सारी बातें सुना दीं । राजा गंधर्वराज, बहुत बड़ी सेना लेकर, अपनी तीनों कन्याओं सहित रामके पास गया। हनुमानका लंकाको पत्नीरूपमें ग्रहण करना। वीर हनुमान वहाँसे उड़ कर लंकाके पास पहुँचे । वहाँ कालरात्रिके समान भयंकर 'शालिका ' नामकी विद्याको उन्होंने देखा । विद्या भी उन्हें देख कर बोली:--" अरे ! वानर तू कहाँ जाता है ? अनायास ही तू मेरा भक्षण हो
SR No.010289
Book TitleJain Ramayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnalal Varma
PublisherGranthbhandar Mumbai
Publication Year
Total Pages504
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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